Last Modified: इंदौर ,
शुक्रवार, 29 मई 2009 (10:22 IST)
सिरदर्द दूर करने के लिए सिर काटने का कदम
-मनीष उपाध्याय 'राजस्व घाटे' का तर्क देकर मप्र में 1 अप्रैल 2010 से जीएसटी लागू नहीं करने का राज्य सरकार का फैसला 'सिरदर्द दूर करने के लिए सिर ही काट देने' जैसा कदम लगता है। राज्य सरकार कर सुधार को टाल रही है लेकिन इसका क्रियान्वयन आज नहीं तो कल अवश्यंभावी है। ऐसे में सरकार का फैसला तथ्यात्मक कम और विरोधात्मक ज्यादा लगता है।
कर विशषेज्ञ राज्य सरकार के 1 अप्रैल 2010 से अपने यहाँ वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विस टैक्स-जीएसटी) लागू नहीं करने के फैसले को पूरी तरह से अनुचित मानते हैं।
उनका कहना है कि जीएसटी लागू करने से राज्य को करों से एकत्र राशि के नुकसान की सरकार की दलील भी तथ्यात्मक नहीं लगती है। सच यह है कि नई कर प्रणाली की खूबियों में कर चोरी का लगभग खत्म हो जाना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा राज्य सरकार को जीएसटी से एकत्र राशि में से भी हिस्सा मिलेगा।