Last Modified: जबलपुर से उदित बर्सले ,
सोमवार, 22 मार्च 2010 (16:38 IST)
'मुझे अपनी किडनी बेचना है'
मुझे अपनी किडनी बेचना है। किडनी बेचकर मैं ऑटो खरीदूँगा और अपनी गरीबी दूर करूँगा। यह झकझोर देने वाली बात परिस्थितियों के मारे व गरीबी से तंग एक किशोर ने कही तो सुनने वालों के माथे पर बल पड़ गए। यह घटना जबलपुर के विक्टोरिया अस्पताल में रविवार को हुई।
आधारताल कटरा निवासी ऑटो चालक अक्कू मंसूरी के 14 वर्षीय बेटे शेरू ने अस्पताल के कर्मचारी अवध शर्मा से कहा- मुझे मेरी किडनी बेचना है। इसके बदले मुझे पैसे चाहिए।
इस बच्चे के मुँह से यह बात सुनकर श्री शर्मा ने अस्पताल प्रबंधन को बताया और पुलिस को सूचना दी। किडनी बेचने आए किशोर शेरू ने बताया कि उसके दोस्त रॉकी ने उससे कहा था कि एक किडनी ढाई लाख रुपए में बिकती है। यदि तू चाहता है कि तेरे पास भी पैसा हो, तेरा खुद का ऑटो हो, तो तू किडनी बेचकर पैसे की व्यवस्था कर सकता है।
तब वह अपनी किडनी बेचने अस्पताल पहुँचा। अस्पताल में भीड़ लग जाने और किडनी बेचने की प्रक्रिया आसान न होने का मालूम पड़ने पर शेरू घर लौट गया। (नईदुनिया)