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Written By वार्ता
Last Modified: पन्ना , सोमवार, 8 मार्च 2010 (17:17 IST)

पन्ना में प्रतिवर्ष डेढ़ हजार प्राणियों की मौत

पन्न टाइगर रिजर्व
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र में सड़क दुर्घटना और शिकार की घटनाओं में प्रतिवर्ष औसतन डेढ़ हजार वन्य प्राणी मारे जाते हैं।

राज्य के आला वन अधिकारियों की कल यहाँ हुई उच्च स्तरीय बैठक के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक आर. श्रीनिवास मूर्ति ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बैठक में बाघों के संरक्षण समेत सभी पहलुओं पर चर्चा हुई है, लेकिन वन्य प्राणियों के शिकार का मुद्दा गंभीर था।

उन्होंने बताया कि लगभग 543 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाले इस रिजर्व में औसतन डेढ़ हजार वन्य प्राणी प्रतिवर्ष शिकार या सडक दुर्घटना में मारे जाते हैं। इस पर रोक लगाने की प्रभावी पहल करने की जरूरत है। वन्य प्राणियों के सरंक्षण में आम जनता का समर्थन कैसे प्राप्त किया जाए इस पर भी बैठक में चर्चा की गई।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) आरएस नेगी ने बैठक के बाद चर्चा में कहा कि रिजर्व क्षेत्र में पूर्व में जो गलतियाँ हुई उनकी पुनरावृत्ति नही हो यह सुनिश्चित किया जाएगा। नेगी ने कहा कि अब हमारा यह प्रयास रहेगा कि पन्ना टाइगर रिजर्व पुनः अपना गौरव हासिल कर सके।

बैठक में प्रदेश के प्रमुख सचिव वन. एम.के. राय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी श्री नेगी, पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक श्री मूर्ति, वन विभाग के अन्य अधिकारी और पन्ना व छतरपुर जिले के कलेक्टर तथा पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जाँच दल द्वारा गत वर्ष मार्च में पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र के बाघ विहीन होने का खुलासा करने बाद राज्य शासन ने पुनः एक जाँच कमेटी बनाई जिसने अपनी रिपोर्ट शासन को सौप दी है। प्रदेश के वन मंत्री सरताज सिंह ने भी रिजर्व क्षेत्र से बाघों के गायब होने के मामले की केंद्रीय जाँच ब्यूरों सीबीआई से जाँच कराने की मंशा जाहिर की है। (वार्ता)