गुरुवार, 1 मई 2025
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Hindi News
लाइफ स्टाइल
या रब न वो समझे हैं न समझेंगे मेरी बात
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
रोक सकता हमें ज़िन्दान-ए-बाला क्या मजरूह
फूल की पत्ती से कट सकता है हीरे का जिगर
तुम हो क्या, ये तुम्हें मालूम नहीं है शायद
देश की ख़ातिर मिटादे अपनी हस्ती तू नदीम
उस आफ़ताबे शहर को उर्दू ज़ुबान में
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
मुझी को नाज़ से देखा जला जो परवाना
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
दी मुअ़ज्ज़न ने अज़ां वस्ल की शब पिछले पहर
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
मुत्तसिल रोने से शायद कि बुझे आतिशे दिल
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
9
ख़्याल-ए-वस्ल को अब आरज़ू झूला झुलाती है
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
मेरा दिल हर ज़ाविए से हर नज़र से देखिए
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
मसाइब और थे पर दिल का जाना
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
नया है लीजिए जब नाम उसका
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
चल साथ कि हसरत दिले महरूम से निकले
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
हम भी कुछ खुश नहीं वफा करके
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
तेरी निगाह भी इस दौर की ज़कात हुई
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
हँसी ख़ुशी से बिछड़ जा अगर...
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
17
हाथ मलते हैं खुदा ओ अहरमन
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
हज़ारों मुश्किलें हैं दोस्तों से दूर रहने में
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
कुछ चीजें अब भी अच्छी हैं
शुक्रवार,जनवरी 23, 2009
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