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Written By DW
Last Updated : रविवार, 21 जुलाई 2024 (08:18 IST)

एसी की बढ़ती मांग बढ़ाएगी कोयले की खपत

एसी की बढ़ती मांग बढ़ाएगी कोयले की खपत - rising demand coal for air conditioners in india
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने कहा है कि इस साल दुनिया में बिजली की मांग इतनी तेजी से बढ़ेगी जितनी पिछले 20 सालों में नहीं बढ़ी। इसका मुख्य कारण है बढ़ते तापमान की वजह से एयर कंडीशनर की बढ़ती मांग।
 
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) का कहना है कि यह ट्रेंड 2025 तक चलेगा और इसकी वजह से कोयले से बिजली के उत्पादन को और समर्थन मिलेगा। हालांकि, साथ-ही-साथ अक्षय ऊर्जा का उत्पादन भी बढ़ता रहेगा। 
 
एसी के इस्तेमाल में यह बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ने का मुख्य कारण बनी रहेगी। यह स्थिति तब आई है, जब पिछले साल रिकॉर्ड वैश्विक तापमान और अप्रत्याशित हीटवेव ने ग्रिडों को बिजली की लगातार सप्लाई बनाए रखने पर मजबूर कर दिया। यह कोयले जैसे पर्यावरण के लिए हानिकारक स्रोतों के बिना नहीं हो पाता।
 
एसी की बढ़ती मांग बढ़ाएगी कोयले की खपत
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने कहा है कि इस साल दुनिया में बिजली की मांग इतनी तेजी से बढ़ेगी जितनी पिछले 20 सालों में नहीं बढ़ी। इसका मुख्य कारण है बढ़ते तापमान की वजह से एयर कंडीशनर की बढ़ती मांग।
 
अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) का कहना है कि यह ट्रेंड 2025 तक चलेगा और इसकी वजह से कोयले से बिजली के उत्पादन को और समर्थन मिलेगा। हालांकि, साथ-ही-साथ अक्षय ऊर्जा का उत्पादन भी बढ़ता रहेगा। 
 
एसी के इस्तेमाल में यह बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ने का मुख्य कारण बनी रहेगी। यह स्थिति तब आई है, जब पिछले साल रिकॉर्ड वैश्विक तापमान और अप्रत्याशित हीटवेव ने ग्रिडों को बिजली की लगातार सप्लाई बनाए रखने पर मजबूर कर दिया। यह कोयले जैसे पर्यावरण के लिए हानिकारक स्रोतों के बिना नहीं हो पाता।
 
एआई भी बढ़ा रहा बिजली की मांग
आईईए में एनर्जी मार्केट्स एंड सिक्योरिटी के निदेशक केसुके सादामोरि का कहना है, "इस साल और अगले साल बिजली की वैश्विक मांग में बढ़ोतरी बीते दो दशकों में सबसे तेज होगी, जो हमारी अर्थव्यवस्थाओं में बिजली की बढ़ती भूमिका और भीषण हीटवेव्स के असर को रेखांकित करता है।"
 
आईईए ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की वजह से बढ़ती बिजली की मांग भी डेटा केंद्रों की डिमांड के पैटर्न की तरफ ध्यान खींच रही है और वितरण, मांग के अनुमान और ऊर्जा कुशलता जैसे विषयों के बारे में सवाल उठा रही है।
 
एजेंसी के डेटा के मुताबिक, 2024 में वैश्विक बिजली की खपत में चार प्रतिशत बढ़ोतरी आने की उम्मीद है, जो 2007 के बाद से सबसे ज्यादा तेज दर होगी। 2025 में भी यही हालात रहेंगे। इसके मुकाबले 2023 में सिर्फ 2।5 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली थी।
 
एजेंसी का डेटा यह भी दिखा रहा है कि आने वाले साल में बिजली की मांग में बढ़ोतरी में भारत सबसे आगे होगा। 2024 में भारत में आठ प्रतिशत बढ़त दर्ज किए जाने का अनुमान है, जबकि चीन में छह प्रतिशत बढ़त दर्ज की जाएगी। चीन में 2023 में सात प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी।
 
अक्षय ऊर्जा कोयले को कब पीछे छोड़ेगी
यूरोपीय संघ में पिछले दो साल से बिजली की मांग घट रही थी, लेकिन इस साल उम्मीद है कि मांग 1।7 प्रतिशत बढ़ेगी। हालांकि, यह बढ़त जारी रहेगी या नहीं इसे लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। 2023 में अमेरिका में भी हल्के मौसम की वजह से कमी आई थी, लेकिन उम्मीद है कि वहां भी इस साल तीन प्रतिशत वृद्धि आएगी।
 
आने वाले सालों में अक्षय ऊर्जा का उत्पादन भी बढ़ेगा। 2025 में वैश्विक आपूर्ति में इसकी हिस्सेदारी 35 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है, जबकि 2023 में यह सिर्फ पांच प्रतिशत थी। उम्मीद है कि ग्लोबल मिक्स में सौर और पवन ऊर्जा पनबिजली को पीछे छोड़ देंगे।
 
यह भी उम्मीद है कि 2025 में अक्षय ऊर्जा का कुल उत्पादन कोयला आधारित बिजली के उत्पादन को पीछे छोड़ देगा, लेकिन 2024 में कोयला अपनी जगह पर बना रहेगा। आईईए ने कहा कि इसकी वजह से वैश्विक बिजली क्षेत्र का कार्बन उत्सर्जन स्थिर हो रहा है। इस साल थोड़ी बढ़त की उम्मीद है, लेकिन 2025 में यह फिर गिर जाएगा।
सीके/एसएम (रॉयटर्स)