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Last Modified: गुरुवार, 27 दिसंबर 2018 (11:58 IST)

बिहार: दोस्त बने दुश्मन, दुश्मन हो गए दोस्त

bihar politics | बिहार: दोस्त बने दुश्मन, दुश्मन हो गए दोस्त
बिहार में साल 2018 को सियासी उठाक-पटक के लिए याद किया जाएगा। साल के शुरुआत से नए सियासी समीकरण बनने-बिगड़ने का खेल साल के अंत तक जारी रहा। कई पुराने सियासी दोस्त दुश्मन बन गए, जबकि सियासी दुश्मन गलबहियां करते नजर आए।
 
 
2018 की शुरुआत में ही हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़ दिया। वे आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन में शामिल हो गए हैं। मांझी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराजगी के बाद खुद अपनी पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा बना ली थी और एनडीए के साथ हो लिए थे।
 
 
वैसे, देखा जाए तो बिहार में यह एक साल एनडीए के लिए शुभ साबित नहीं हुआ। बिहार में यूं तो एनडीए की सरकार चलती रही, मगर उसके दोस्त उन्हें छोड़ते रहे। मांझी के बाद, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) ने भी एनडीए से बाहर होने की घोषणा कर दी। कुशवाहा ने ना सिर्फ केंद्रीय मंत्री के पद इस्तीफा दे दिया, बल्कि एनडीए के विरोधी खेमे महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा कर दी।
 
 
कुशवाहा पहले से ही लोकसभा सीट बंटवारे को लेकर तरजीह नहीं दिए जाने से नाराज चल रहे थे, परंतु उन्होंने एनडीए में सम्मान नहीं दिए जाने का आरोप लागते हुए एनडीए का साथ छोड़ दिया।
 
 
वैसे, नीतीश कुमार की जेडी (यू) के एनडीए में शामिल होने के बाद से ही कुशवाहा गठबंधन में असहज महसूस कर रहे थे। जब बीजेपी ने सीट बंटवारे को लेकर जेडी (यू) के साथ चर्चा की और आरएलएसपी को खास तवज्जो नहीं दी तो कुशवाहा ने एनडीए से अलग राह पकड़ ली।
 
 
साल के अंत में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाने वाले और पिछले लोकसभा चुनाव में एनडीए का साथ देने वाले मुकेश सहनी ने भी महागठबंधन में जाने की घोषणा कर एनडीए को झटका दे दिया। 'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से चर्चित मुकेश सहनी को शुरू से ही बीजेपी के साथ माना जा रहा था, मगर साल के अंत में इस सियासी घटना को बिहार की राजनीति में बड़ा उल्टफेर माना जा रहा है।
 
 
वैसे, इस साल बिहार की सुर्खियों में पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पोती ऐश्वर्या राय और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के बेटे और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव की शादी भी रही। इस शादी के बाद बिहार के दो राजनीतिक परिवारों के बीच पारिवारिक संबंध बन गए।
 
 
इसी बीच, शादी के कुछ ही दिनों के बाद तेजप्रताप ने पटना की एक अदालत में तलाक की अर्जी देकर आरजेडी विधायक चंद्रिका राय की पुत्री ऐश्वर्या पर कई आरोप लगा दिए। बहरहाल, अभी यह मामला अदालत में चल रहा है, मगर यह मामला देश में सुर्खियां बनीं।
 
 
बहरहाल, एक साल में बिहार की राजनीति में बनते-बिगड़ते रिश्तों के बीच, अब सभी की नजर 2019 पर हैं, जब देश में आम चुनाव होंगे। इसीलिए कई और समीकरण बनेंगे और बिगड़ेंगे।
 
 
--आईएएनएस
 
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