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Last Updated : शनिवार, 10 अक्टूबर 2020 (01:33 IST)

1983 विश्वकप फाइनल का टिकट देखकर भावुक हो गए कपिल देव

1983 विश्वकप फाइनल का टिकट देखकर भावुक हो गए कपिल देव - Kapil Dev gets emotional after watching 1983 World Cup final ticket
नई दिल्ली। भारत को 1983 में एकदिवसीय विश्वकप (One Day World Cup) का चैंपियन बनाने वाले कप्तान कपिल देव (Kapil Dev) 37 साल के लंबे अंतराल के बाद विश्वकप फाइनल का टिकट अपने एक प्रशंसक राजेश गुप्ता के हाथों में देखकर इतने भावुक हो गए कि उन्होंने कहा कि यह बेशकीमती है और इसे संभालकर रखिए।

दिल्ली के रहने वाले राजेश गुप्ता के पास 1983 विश्वकप फाइनल का टिकट है, जिसे उन्होंने खुद कपिल देव को दिखाया था और इस दिग्गज ऑलराउंडर ने उस टिकट पर अपने हस्ताक्षर किए हैं। राजेश अपने समय में दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज की क्रिकेट टीम के कप्तान हुआ करते थे और वे तेज गेंदबाज सुनील वाल्सन और ऑलराउंडर कीर्ति आजाद को जानते थे जो 1983 विश्वकप टीम के सदस्य थे।

भारत ने उस विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी दिग्गज टीमों को चौंकाते हुए फाइनल में प्रवेश किया था जहां उसका मुकाबला दो बार खिताब जीत चुकी क्लाइव लॉयड की अजेय वेस्टइंडीज टीम से हुआ। किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारत वेस्टइंडीज को चुनौती दे पाएगा लेकिन कपिल के जांबाजों ने हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हुए कैरेबियाई टीम को चौंका कर खिताब जीत लिया था।

राजेश गुप्ता इस खिताबी मुकाबले को देखने के लिए लंदन पहुंचे थे। उस समय उनकी उम्र लगभग 22 साल थी। राजेश के पास फाइनल का कोई टिकट नहीं था लेकिन वह इस उम्मीद में लंदन पहुंचे थे कि लॉर्ड्स के पास उन्हें टिकट मिल जाएगा और वह फाइनल देख सकेंगे। लंदन में उनके कुछ परिचित रहते थे जहां वे पहुंचे थे।

उन्होंने फाइनल का टिकट हासिल करने की कहानी के बारे में बताया कि जब वे स्टेडियम पहुंचे तो बहुत भीड़ थी और कड़ी सुरक्षा भी थी। उन्होंने टिकट लेने के लिए इधर-उधर नजर दौड़ाई तो उन्हें दिखाई दिया कि कुछ स्थानीय लोग टिकट बेच रहे हैं।राजेश ने बताया कि उन्होंने 10 पौंड की टिकट 90 पौंड में हासिल की। उन्होंने तीन टिकट खरीदे क्योंकि उनके साथ दो लोग और थे।

राजेश की खुशी का ठिकाना नहीं था क्योंकि उन्होंने उस फाइनल का टिकट खरीद लिया था जिसमें भारतीय क्रिकेट का सबसे बड़ा इतिहास बना था।उन्होंने बताया कि जब कपिल ने मदन लाल की गेंद पर अपने पीछे भागते हुए विवियन रिचर्डस का कैच पकड़ा था तो वह उस दिशा में 20 कदम की दूरी पर स्टैंड्स में मौजूद थे। इस कैच ने फाइनल का नक्शा बदला था और भारत ने खिताब जीता था।

राजेश ने बताया कि रातभर जश्न मनाने के दौरान उन्हें टिकटों का ख्याल आया तो उनके पास दो टिकट मिल गई लेकिन एक नहीं मिल पाई। इन दो टिकटों को उन्होंने 37 वर्षों तक अपने पास संभालकर रखा। राजेश के बेटे अर्जुन गुप्ता की कपिल के मैनेजर राजेश पुरी के साथ जान पहचान है।जब अर्जुन ने मैनेजर राजेश को यह टिकट वाली बात बताई तो कपिल ने राजेश गुप्ता को अपने घर पर मुलाकात के लिए बुलाया।
कपिल यह टिकट देखकर इतने भावुक हो गए कि उन्होंने इस पर अपना ऑटोग्राफ भी दिए। कपिल ने कहा कि यह बेशकीमती टिकट है और इसे अपने पास संभालकर रखिए।अर्जुन खुद क्रिकेटर रहे हैं और क्रैगबज स्पोर्ट्स के संस्थापक हैं। अर्जुन ने बताया कि क्रैगबज स्पोर्ट्स ने कपिल और राजेश पुरी के लिए कुछ विशेष कैप बनाई है, जिस पर कपिल देव का लोगो है।(वार्ता)
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