भारत-बांग्लादेश पहले टी-20 मैच के पहले दिल्ली का प्रदूषण बना चुनौती
नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश के बीच 3 नवंबर को फिरोजशाह कोटला में होने वाले टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच से पहले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ता वायु प्रदूषण चिंता का विषय बन गया है। दिसंबर 2017 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम को कोटला में टेस्ट मैच के दौरान परेशानी हुई थी जिसके कारण उसके अधिकतर खिलाड़ियों को मास्क पहनने पड़े थे। इसके बावजूद उसके कुछ खिलाड़ी बीमार हो गए थे।
बीसीसीआई की रोटेशन नीति और मेहमान टीम के यात्रा कार्यक्रम को देखते हुए बीसीसीआई ने पहला मैच दिल्ली में आयोजित करने का फैसला किया था। उसे उम्मीद थी कि दिन-रात्रि मैच में शहर की खराब हवा मसला नहीं बनेगा, लेकिन दिवाली से दो दिन पहले ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब दिखाया गया है।
एक्यूआई के मानकों के अनुसार 0-50 अच्छा, 51 से 100 संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम स्तर का, 201 से 300 खराब, 300 से 400 बेहद खराब और 400 से अधिक गंभीर माना जाता है जिससे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। अभी की जानकारी के अनुसार गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय का एक्यूआई 357 था जो कि बहुत खराब माना जाएगा।
बीसीसीआई और डीडीसीए के अधिकारियों ने कहा कि खराब वायु प्रदूषण उनके नियंत्रण से बाहर है और वे यही उम्मीद कर सकते हैं कि मैच दिवाली के एक सप्ताह बाद होगा तो तब तक स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी। बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि हम दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति से अवगत हैं, लेकिन मैच एक सप्ताह बाद होना है, इसलिए उम्मीद है कि खिलाड़ियों को स्वास्थ्य संबंधी कोई दिक्कत नहीं होगी।
श्रीलंका मैच के बाद गलत प्रचार और बुरे अनुभव के बाद सवाल पैदा होता है कि बीसीसीआई दिल्ली के संदर्भ में अपनी रोटेशन नीति पर क्यों अड़ा रहा। अधिकारी ने कहा कि यात्रा कार्यक्रम इस तरह से तैयार किया गया कि बांग्लादेश की टीम सीधे दिल्ली पहुंचे और कोलकाता से स्वदेश रवाना होगा। हम उनकी यात्रा सहज बनाना चाहते थे जो उत्तर से शुरू होकर पश्चिम (नागपुर, राजकोट और इंदौर) से होते हुए पूर्व (कोलकाता) में खत्म हो। अगर जरूरत पड़ी तो बांग्लादेश की टीम को अपने साथ मास्क रखने की हिदायत दी जा सकती है।
इस बीच अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट मनिंदर सिंह दिल्ली एवं जिला क्रिकेट समिति (डीडीसीए) कार्यकारिणी में पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर की जगह सरकार से नामांकित सदस्य की जगह लेंगे। गंभीर ने हाल में त्याग-पत्र दे दिया था, क्योंकि अभी वे सांसद हैं और यह लोढ़ा समिति की सिफारिशों के खिलाफ है।