अब हीरा कारोबार पर मंदी की मार, 4 साल से बेहाल है यह 'चमचमाता' कारोबार
सूरत। भारत में कई सेक्टरों पर मंदी का असर देखा जा रहा है। सरकार भी इन सेक्टर्स की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। ऑटो मोबाइल, बैंकिंग, इंफ्रास्ट्रचर और लॉजिस्टिक सेक्टर्स को मंदी से उबारने के लिए राहत पैकेज के साथ ही कई घोषणाएं की गई हैं। बहरहाल अब हीरा कारोबार भी मंदी की चपेट में दिखाई दे रहा है।
2016 से ही हीरा कारोबार मुश्किलों के दौर से गुजर रहा है। इस वर्ष नोटबंदी ने कारोबार ठप कर दिया था, 2017 में GST ने हाल बेहाल कर दिया, 2018 में नीरव मोदी मामले ने खेल और बिगाड़ दिया और अब मंदी के संकेत मिल रहे हैं।
गुजरात में 20 लाख लोग हीरे के कारोबार से जुड़े हुए हैं। पिछले कुछ महीनों में आर्थिक मंदी की वजह से 40 फीसदी फैक्टरियों पर ताले गए और कई फैक्टरियों में केवल एक पाली में काम हो रहा है। इस वजह से यहां लगभग 60 हजार लोग बेरोजगार हो गए।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में भारतीय हीरों की मांग तेजी से कम हो रही है। चीन में हीरों की मांग 20 फीसदी कम हुई है जबकि खाड़ी देशों, यूरोप और अमेरिका में भी इसकी मांग घटी है।
हीरा उद्योग में आ रही मंदी की वजह से कई मजदूर अपनी जान दे चुके हैं। पिछले एक महीने में हीरा उद्योग में बेरोजगारी की वजह से 5 लोगों की जान जा चुकी है।
एक तरफ सोने की दमक बढ़ती जा रही है 40 हजार के करीब है। दूसरी ओर चांदी भी चमकती हुई 46500 के पार पहुंच गई। ऐसे में हीरा कारोबार की यह दुर्दशा खासी तकलीफदायक है। इस उद्योग से जुड़े लोगों को भी सरकार से मदद की सरकार है।