मंगलवार, 5 नवंबर 2024
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Written By Author आकांक्षा दुबे

एक दिन में कमाती थीं 2.18 लाख रुपए, लोन विवाद से छोड़ना पड़ा सीईओ पद, जानिए कौन हैं चंदा कोचर

एक दिन में कमाती थीं 2.18 लाख रुपए, लोन विवाद से छोड़ना पड़ा सीईओ पद, जानिए कौन हैं चंदा कोचर - Chanda Kochar
बैंकिंग क्षेत्र में स्टार बैंकर के तौर पर पहचान बनाने वाली चंदा कोचर का आईसीआईसीआई बैंक के साल 34 साल का सफर गुरुवार को खत्म हो गया। एक लोन विवाद के चलते चंदा को बैंक के सीईओ पद से इस्तीफा देना पड़ा। चंदा और उनके परिवार पर लोन आवंटन को लेकर कथित तौर पर अनियमितताओं के आरोप लगे जिसकी लंबे समय से जांच चल रही थी।
 
लोन विवाद में फंसी चंदा ने बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी के तौर पर करियर की शुरुआत की थी। 2009 में जब वह सीईओ बनीं तब उनकी उम्र महज 48 साल थी। एक समय तो उनकी प्रतिदिन कमाई 2.18 लाख रुपए तक दर्ज की गई थी। बैंक की वार्षिक रिपोर्ट में चंदा की बेसिक सैलरी बढ़ाकर 2.66 करोड़ रुपए कर दी गई। 2016 में यह 2.31 करोड़ रुपए रिकॉर्ड की गई थी।
 
बेटी को लिखे पत्र से आई थी चर्चा में : चंदा कोचर ने कुछ वर्ष पहले अपनी बेटी आरती को एक पत्र लिखा था जो चर्चा में आया था। अपनी मां की मिसाल देते उन्होंने लिखा था, ‘मैं सिर्फ 13 साल की थी जब मेरे पिता (रूपचंद आडवाणी) की अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। एक महीने में सबकुछ बदल गया। मां पर तीन बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी आ गई। तब एहसास हुआ कि वह कितनी मजबूत हैं। अकेले परिवार को संभालना उनके लिए कितना मुश्किल होगा, उन्होंने कभी इस बात का एहसास नहीं होने दिया। मैंने अपनी मां से सीख ली कि कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलकर आगे बढ़ना कितना ज़रूरी है।’
 
दीपक ने किया प्रपोज, मना किया और फिर... : चंदा कोचर की पति दीपक से मुंबई में पढ़ाई करते हुए मुलाकात हुई। कॉलेज के आखिरी दिन दीपक ने उन्हें प्रपोज किया जिसे चंदा ने स्वीकार नहीं किया। इसके बावजूद दोनों अच्छे दोस्त रहे। दो साल बाद चंदा ने ही दीपक को प्रपोज किया, जिसे उन्होंने स्वीकार किया और तुरंत शादी कर ली।
 
आम महिलाओं जैसे शौक, बच्चों के लिए बैंक से लेती थीं छुट्टी : चंदा कोचर अक्सर साड़ी में ही नज़र आईं। उन्हें सिल्क और कॉटन की साड़ियां पसंद हैं। वह अक्सर साड़ियों की शॉपिंग करना पसंद करती हैं। चंदा कोचर खाली समय में कोई भी हिंदी फिल्म देखने का मौका नहीं छोड़ती हैं।
 
वह अक्सर बेटे के स्क्वॉश टूर्नामेंट के लिए ऑफिस से दो घंटे की छुट्टी लेकर जाती थीं। तो कभी बेटी को बोर्ड परीक्षा दिलवाने के लिए बैंक से छुट्टी लेकर परीक्षा केंद्र भी जाती थीं। 
 
बताया जाता है कि चंदा कोचर समय की बहुत पाबंद हैं। वह नियमित रूप से 6 बजे बैंक से निकल जाती थीं। उनका पसंदीदा खेल बास्केटबॉल रहा, हमेशा ही स्कूल की बास्केटबॉल टीम का हिस्सा रहीं।
 
मुश्किल से मिलती छह घंटे की नींद : सीईओ पद की अहम जिम्मेदारी की वजह से चंदा कोचर अक्सर साप्ताहांत यात्राएं करती थीं। काम की वजह से उन्हें मुश्किल से छह घंटे की नींद मिलती थी। उन्होंने एक बार कहा था, ‘मुझे एक्सरसाइज करने का भी समय नहीं मिलता, लेकिन मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मेरा मेटाबॉलिज्म अच्छा है।’
 
जन्म : 17 नवंबर, 1961, जोधपुर, राजस्थान
शिक्षा : स्नातक (जय हिंद कॉलेज), मैनेजमेंट में मास्टर्स (जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडी, मुंबई)
परिवार : दीपक कोचर (पति), आरती और अर्जुन (बच्चे)