शुक्र यदि है तीसरे भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य
वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह मीन में उच्च और कन्या में नीच का होता है। लाल किताब में सप्तम भाव शुक्र का पक्का घर है। सूर्य और चंद्र के साथ या इनकी राशियों में शुक्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां तीसरे घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और क्या करें जानिए।
कैसा होगा जातक : कवि या कलाकार होने में रुचि होती है। इस खाने में शुक्र का होना अर्थात 'सती' का होना माना गया है। ऐसे व्यक्ति की पत्नी जब तक जिंदा है मौत उसके पास फटक नहीं सकती। शुक्र तीन के समय गुरु नौ या बुध ग्यारहवें खाने में है तो शुक्र का असर खराब होता है।
इस भाव में स्थित शुक्र जातक को एक आकर्षक व्यक्तित्व देता है। जातक की पत्नी साहसी, समर्थक और बैलगाड़ी के दूसरे बैल की तरह जातक के लिए सहयोगी होगी। वह जातक को छल, चोरी और नुकसान से बचाने वाली होगी। यदि नवम और एकादश भाव में शुक्र के शत्रु ग्रह स्थित हों तो प्रतिकूल परिणामों की प्राप्ति होगी। शुक्र के साथ राहु का होना अर्थात स्त्री तथा दौलत का असर खत्म। यदि शनि मंदा अर्थात नीच का हो तब भी शुक्र का बुरा असर होता है।
शुक्र की सावधानियां :
1. किसी भी स्थिति में पत्नी का अपमान न करें।
2. दुराचारी होने से बनदामी फैल सकती है।
3. पराई औरतों के साथ छेड़खानी (फ्लर्ट) करने से बचें।
4. मांस, मदिरा और झूठ बोलने से बचें।
5. शुक्रवार के दिन खटाईं न खाएं।
क्या करें :
1. लक्ष्मी की उपासना करें। सफेद वस्त्र दान करें।
2. भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे, और कुत्ते को दें।
3. गाय को हरा चारा खिलाते रहें।
4. शुक्रवार या एकादशी का व्रत रखें।
5. सुगन्धित इत्र या सेंट का उपयोग करें। पवित्र बने रहें।
6. स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखें और हमेशा साफ कपड़े पहनें। शरीर को जरा भी गंदा न रखें।