चंद्र यदि नौवें भाव में है तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य
चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में चंद्रमा बली और दसवें भाव में मंदा होता है। शनि की राशियों में चंद्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां नौवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : यह एक समुद्र है। यह घड़ा भर मोती के समान है। पढ़ाई का पूरा-पूरा लाभ। ऐसा दानशिल व्यक्ति दुसरों का रक्षक होता है। नौवां घर बृहस्पति का है जहां स्थित चंद्रमा उसका परममित्र है। इसलिए जातक इन दोनों ही ग्रहों से मिलने वाले लाभ प्राप्त करता है और उसा व्यक्तित्व भी वैसा ही होता है। मतबल ज्ञानी, कोमल हृदय, धार्मिक, सुविधा सम्पन्न। उसकी आयु कम से कम 75 तक तो रहती ही है, यदि खानपान उत्तम रखे तो 90 तक जीवित रह सकता है। चंद्र नौ के दौरान पाचवें घर में स्थित शुभ ग्रह संतान सुख में वृद्धि करता है। तीसरे भाव में स्थित मित्र ग्रह पैसे और धन में काफी वृद्धि करता है।
चंद्र की सावधानियां :
1. राहु के मंदे कार्य न करें।
2. धर्म, देवी देवता और पूर्वजों की आलोचना ना करें।
3. माता पिता का अपमान न करें।
4. मांस, मदिरा आदि का सेवन न करें।
5. झूठ न बोलें और आचरण को शुद्ध बनाएं रखें।
क्या करें :
1. प्रतिदिन मंदिर जाते रहें।
2. सांप को दूध पिलाएं या राहु का उपाय करें।
3. मछली के लिए चावल डालें।
4. मजदूरों को दूध या शरबत पिलाएं।
5. घर की अलमारी में चांदी का टुकड़ा रखना चाहिए।