मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. लाल किताब
  4. Moon in fourth house lal kitab
Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Modified: शनिवार, 9 मई 2020 (10:05 IST)

चंद्र यदि चौथे भाव में है तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

चंद्र यदि चौथे भाव में है तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य - Moon in fourth house lal kitab
चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में चंद्रमा बली और दसवें भाव में मंदा होता है। शनि की राशियों में चंद्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां चौथे घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
 
 
कैसा होगा जातक : चश्मे का मीठा पानी। पढ़ाई के लिए किसी भी तरह से सहायता मिलती रहेगी। शुभ होगी। माता की सेवा तारणहार सिद्ध होगी। चंद्र के व्यापार में लाभ। यह घर पूर्णरूपेण चंद्रमा का घर है। क्योंकि वह यहां चौथे भाव और चौथी राशि दोनों का स्वामी है। यदि शनि के प्रभाव में नहीं है तो यहां स्थित चन्द्रमा हर प्रकार से बहुत मजबूत और शक्तिशाली हो जाता है। चौथा भाव आमदनी की नदी है जो व्यय बढानें के लिए जारी रहेगी। मतलब अधिक खर्च, अधिक आय। 
 
जातक प्रतिष्ठित और सम्मानित व्यक्ति होने के साथ-साथ नरम दिल और सभी प्रकार से धनी होगा। व्यक्ति को अपनी मां के सभी गुण विरासत में मिलेंगे और वह जीवन की समस्याओं का सामना किसी शेर की तरह करेगा। यदि बृहस्पति छठवें भाव में हो और चंद्रमा चौथे भाव में तो जातक को पैतृक व्यवसाय लाभ देगा।
 
यदि चंद्रमा चौथे भाव में चार ग्रहों के साथ हो तो जातक आर्थिक रूप से बहुत मजबूत और अमीर होगा। पुरुष ग्रह जातक की मदद पुत्र की तरह करेंगे और स्त्री ग्रह पुत्रियों की तरह। कहते हैं कि ऐसे जातक के पास कोई अपना कीमती सामान गिरवी रख जाएगा तो वह उसे मांगने के लिए कभी नहीं आ पाएगा। 

 
चंद्र की सावधानियां :
1. चंद्रमा खराब है तो दूध या दूध से निर्मित वस्तुओं का व्यापार न करें।
2. माता की साझदारी या उसकी सलाह से ही कपड़े खरादें।
3. व्यभिचार और अनैतिक संबंधों से बच कर रहें।
4. शराब कतई ना पीएं। 
5. कभी भी माता, बहन, बुआ, मां दुर्गा, कन्या का अपमान न करें।

 
क्या करें : 
1. शिव आराधना और सोमवार व प्रदोष का व्रत फलदाही है।
2. मां या मां के जैसी स्त्रियों का पांव छूकर आशिर्वाद लें।
3. कोई भी कार्य की शुरुआत करने से पहले मटकी में दूध भरकर घर में रखें।
4. जब भी अतिथि घर में आएं तो उन्हें दूध या शरबत पीलाएं।
5. यदि गुरु दशम भाव में होतो दादाजी के साथ पूजा स्थान में जाकर भगवान के चरणों में माथा रखकर चढ़ावा चढ़ाएं।
ये भी पढ़ें
Eid ul-Fitr 2020 : इस बार ईद उल फितर कब है जानिए