बृहस्पति यदि है बारहवें भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य
धनु और मीन का स्वामी गुरु कर्क में उच्च का और मकर में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में गुरु बलवान और सातवें, दसवें भाव में मंदा होता है। बुध और शुक्र के साथ या इनकी राशियों में बृहस्पति बुरा फल देता है। लेकिन यहां बारहवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और उपाय करें, जानिए।
कैसा होगा जातक : उत्तम ज्ञानी, लेकिन बैरागी। धार्मिक विश्वास और संध्यावंदन से भाग्य सक्रिय। बारहवां घर बृहस्पति और राहु के संयुक्त प्रभाव में होता है जो कि एक दूसरे के शत्रु होते हैं अत: ध्यान करने, अच्छा आचरणण रखने और धार्मिक कार्य करने से जीवन में कभी कष्ट नहीं होगा। जातक खुश रहेगा और रात में सुख की नींद सोएगा। शनि के दुष्कर्मों से बचाव करने पर मशीनरी, मोटर, ट्रक और कार से संबंधित काम फायदेमंद रहेंगे।
5 सावधानियां :
1. गले में माला न पहनें।
2. वृक्ष काटने का काम न करें।
3. गुरु या साधु का अपमान न करें।
4. बहुत ज्यादा बोले नहीं।
5. किसी भी मामले में झूठी गवाही से बचें।
क्या करें :
1. गुरुवार का व्रत रखें और पीपल की जड़ में नित्य जल चढ़ाएं।
2. रात में अपने बिस्तर के सिरहनें पानी और सौंफ रखें।
3. नाक साफ रखें। पवित्र और प्रसन्नचित्त रहें।
4. पीले फुल वाले पौधे गृहवाटिका में लगाएं।
5. साधुओं की सेवा करने से लाभ होगा।