शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. लाल किताब
  4. Guru in eleventh 11th house
Last Modified: बुधवार, 6 मई 2020 (10:17 IST)

बृहस्पति यदि है ग्यारहवें भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

बृहस्पति यदि है ग्यारहवें भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य - Guru in eleventh 11th house
धनु और मीन का स्वामी गुरु कर्क में उच्च का और मकर में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में गुरु बलवान और सातवें, दसवें भाव में मंदा होता है। बुध और शुक्र के साथ या इनकी राशियों में बृहस्पति बुरा फल देता है। लेकिन यहां ग्यारहवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और उपाय करें, जानिए।
 
कैसा होगा जातक : अदालत के इस घर में बृहस्पति अच्छा न्याय नहीं कर सकता। यहां इसे खजूर का अकेला दरख्त कहा गया है। ऐसा कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति की अर्थी ससम्मान नहीं निकल पाती। पिता के भाग्य से ही खुद का जीवन चलता है। पिता के जाने के बाद सब कुछ नष्ट।
 
इस भाव में बृहस्पति अपने शत्रु ग्रहों बुध, शुक्र और राहु से संबंधित चीजों और रिश्तेदारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। परिणामस्वरूप व्यक्ति की पत्नी, बहन, बेटी और बुआ दुखी रह सकती हैं। बुध सही स्थिति में हो तो भी जातक कर्जदार होता है। संयुक्त परिवार में रहकर ही जातक सुखी रह सकता है।
 
5 सावधानियां :
1. पारिवारिक संबंधों को बना कर रखें।
2. फालतू खर्चे न कें और कर्ज न लें और न दें।
3. वादा खिलाफी महंगी पड़ सकती है।
4. धर्म के प्रति अविश्वास प्रकट न करें।
5. पिता का अपमान न करें।
 
क्या करें : 
1. पीपल के पेड़ में जल चढाएं।
2. गुरुवार या एकादशी का व्रत रखें।
3. तांबे का कड़ा पहनें। महिला है तो चूड़ी बहनें।
4. परोपकार और गरीबों की मदद करने के मौके चुके नहीं।
5. हमेशा अपने शरीर पर सोना पहन कर रखें।
ये भी पढ़ें
क्या है विष्णु पुराण में, जानिए 5 खास बातें