चंद्र यदि ग्यारहवें भाव में है तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य
चंद्रमा वृषभ में उच्च, वृश्चिक में नीच का होता है। लाल किताब में चौथे भाव में चंद्रमा बली और दसवें भाव में मंदा होता है। शनि की राशियों में चंद्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां ग्यारहवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें जानिए।
कैसा होगा जातक : बरसाती नाला या खूनी कुंआ। अनपढ़ मगर विद्वान। यह घर बृहस्पति और शनि से प्रभावित रहता है। यहां चंद्रमा को अपने शत्रुओं शनि और केतु की संयुक्त शक्ति का सामना करना पडता है, जिससे चंद्रमा कमजोर होता है। ऐसे में यदि केतु चौथे भाव में स्थित है तो जातक की मां का जीवन खतरे में पड़ेगा। इसके अलावा इस घर में स्थित प्रत्येक ग्रह अपने शत्रु ग्रहों और उनके साथ जुड़ी बातों को नष्ट कर देता है। जैसे यहां स्थित चंद्रमा अपने शत्रु केतु अर्थात जातक के बेटे को नष्ट कर सकता है। बुध से जुड़े व्यापार भी हानिप्रद साबित होंगे।
चंद्र की सावधानियां :
1. आधी रात के बाद कन्यादान न करें।
2. शुक्रवार को किसी शादी समारोह में शामिल न हों।
3. शनिवार के दिन घर का निर्माण या घर की खरीदी न करें।
4. गुरु, पिता और माता का अपमान न करें।
5. खर्चों पर कंट्रोल कर बचत करें और चरित्र को उत्तम बनाकर रखें।
क्या करें :
1. छाया दान करें।
2. पीपल के वृक्ष में नित्य जल चढ़ाएं और एकादशी का व्रत करें।
3. भैरव मंदिर में कच्चा दूध चढ़ाएं या दान करें।
4. पेड़े के 125 टुकड़े नदी में प्रवाहित करें।
5. सुनिश्चित करें कि दादी अपने पोते को जन्म के बाद कम से कम 43 दिन तक न देखने पाए।
6. दूध पीने से पहले सोने के एक टुकड़े को आग में गरम करें और दूध के गिलास में डालकर बुझाएं, इसके बाद दूध पिएं।