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Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Modified: बुधवार, 8 जुलाई 2020 (10:14 IST)

केतु यदि है 6th भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य

केतु यदि है 6th भाव में तो रखें ये 5 सावधानियां, करें ये 5 कार्य और जानिए भविष्य - ketu grah in 6th house lal kitab
कुण्डली में राहु-केतु परस्पर 6 राशि और 180 अंश की दूरी पर दृष्टिगोचर होते हैं जो सामान्यतः आमने-सामने की राशियों में स्थित प्रतीत होते हैं। केतु का पक्का घर छठा है। केतु धनु में उच्च और मिथुन में नीच का होता है। कुछ विद्वान मंगल की राशि में वृश्चिक में इसे उच्च का मानते हैं। दरअसल, केतु मिथुन राशि का स्वामी है। 15ए अंश तक धनु और वृश्चिक राशि में उच्च का होता है। 15ए अंश तक मिथुन राशि में नीच का, सिंह राशि में मूल त्रिकोण का और मीन में स्वक्षेत्री होता है। वृष राशि में ही यह नीच का होता है। लाल किताब के अनुसार शुक्र शनि मिलकर उच्च के केतु और चंद्र शनि मिलकर नीच के केतु होते हैं। लेकिन यहां केतु के छठवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें, जानिए।

 
कैसा होगा जातक : यहां स्थित केतु को खूंखार कुत्ता माना गया है। गुरु और बुध अच्छी हालत में है तो सब कुछ ठीक। इष्ट सिद्धि का लाभ मिलेगा। छठवां घर बुध का होता है जहां केतु दुर्बल होता है। हालांकि यह केतु का पक्का घर होता है ऐसे में जैसे बृहस्पति होगा वैसे केतु होगा। संतान के लिए अच्छा है लेकिन यदि चंद्रमा दूसरे भाव में है तो माता परेशान रहेंगी और जातक वृद्धावस्था में परेशान रहेगा। हालांकि यदि बृहस्पति शुभ हो तो जातक दीर्घायु होगा और मां खुशहाल होती है। लेकिन यदि केतु अशुभ है तो मामा परेशान रहता है। जातक भी बेकार की यात्रा करता है और लोग जबरन ही उसके शत्रु बन जाते हैं। जातक त्वचा रोग से परेशान रहता है। जातक एक अच्छा सलाहकार होता है। यदि कोई भी दो पुरुष ग्रह जैसे सूर्य, बृहस्पति, मंगल अच्छी स्थित में हों तो केतु शुभ परिणाम देता है।
 
5 सावधानियां :
1. पिता और पुत्र का ध्यान रखें।
2. गुरु के मंदे कार्य न करें।
3. बहनों से संबंध बनाकर रखें।
4. व्यर्थ के खर्चों पर लगाम लगाएं।
5. मामा से वैमनस्य रखने के बजाय उनसे दूर रहें।
 
क्या करें : 
1. बृहस्पति को शुभ बनाएं।
2. केसर का दूध पीएं। सिर पर केसर का तिलक लगाएं।
3. कान में सोना पहनें और कुत्ते को रोटी खिलाएं।
4. दुर्गा माता की उपासना और बुधवार का उपवास करें।
5. बाएं हाथ की अंगुली में सोने की अंगूठी धारण करें।
6. सोने की सलाई गर्म करके दूध में बुझाएं और इसके बाद उस दूध को पियें इससे मानसिक शांति बढेगी, आयु वृद्धि होगी और यह बेटों के लिए भी अच्छा रहेगा।
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