मंगल पर रोवर को मिला पानी का सबूत
मंगल की सतह पर बीते छह अगस्त से मौजूद रोवर ‘क्यूरोसिटी’ ने बहुत पहले तेजी से बहने वाली जलधारा के साथ बहकर वहां तक आई बजरी को खोज निकाला है। इससे पहले वैज्ञानिकों ने लाल ग्रह पर कभी मौजूद रहे पानी का सबूत ढूंढा था, लेकिन पहली बार उन्होंने धारा के साथ बहकर बनी बजरी की पूरी सतह खोजी है।अभियान के वैज्ञानिक जॉन ग्रोतजिंगर ने कल एक बयान में कहा, ‘सतह से निकाला गया चट्टानी अंश ऐसा दिखता है मानो किसी ने फुटपाथ की एक पट्टी पर हथौड़े मार-मारकर उसे बनाया हो। लेकिन यह वाकई किसी पुरानी धारा की बजरी की सतह का एक अंश है।’क्यूरोसिटी द्वारा भेजी गई तस्वीरों में एक दूसरे से जुड़े हुए पत्थर संपीडित चट्टानों की सतह के बीच मिले हैं। यह तस्वीर गेल नामक गड्ढे के उत्तरी भाग और शार्प नामक पर्वत के आधार के बीच मिला है। क्यूरोसिटी इसी दिशा में बढ़ रहा है।नासा ने कहा कि इन चट्टानों के आकार और आकृतियां इस धारा की गति और गहराई का अंदाजा देती हैं।क्यूरोसिटी विज्ञान के सह जांचकर्ता रेबेका विलियम्स ने कहा, ‘इनकी आकृतियां बताती हैं कि इन्हें यहां लाया गया है और इनका आकार बताता है कि इन्हें हवा यहां लेकर नहीं आई। ये यहां तक पानी के बहाव के साथ आए हैं।’ वैज्ञानिकों का आकलन है कि पानी तीन फीट प्रति सेकेंड की रफ्तार से बह रहा था और उसकी गहराई टखने से कमर के बीच रही होगी।क्यूरोसिटी नामक यह रोवर मंगल की सतह पर जीवन की संभावना की तलाश के लिए दो वर्षीय अभियान पर है। इसे यह भी पता लगाना है कि क्या कभी पूर्व में भी मंगल पर जीवन के अनुकूल परिस्थितियां थीं?