• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कहानी
  4. Kabir story on pitra paksh
Written By

पितृ पक्ष पर कबीरदास की प्रेरणादायी कहानी ...

पितृ पक्ष पर कबीरदास की प्रेरणादायी  कहानी ... - Kabir story on pitra paksh
एक बार गुरु रामानंद ने कबीर से कहा कि हे कबीर! आज श्राद्ध का दिन है और पितरों के लिए खीर बनानी है।  आप जाइए, पितरों की खीर के लिए दूध ले आइए...।
 
कबीर उस समय 9 वर्ष के ही थे। वे दूध का बरतन लेकर चल पड़े। चलते-चलते रास्ते में उन्हें एक गाय मरी हुई पड़ी मिली। कबीर ने आस-पास से घास को उखाड़कर गाय के पास डाल दिया और वहीं पर बैठ गए।
दूध का बरतन भी पास ही रख लिया।
 
काफी देर हो गई। जब कबीर नहीं लौटे, तो गुरु रामानंद ने सोचा कि पितरों को भोजन कराने का समय हो गया है लेकिन कबीर अभी तक नहीं आया। ऐसा सोचकर रामानंद जी खुद चल दूध लेने पड़े।
 
जब वे चलते-चलते आगे पहुंचे, तो देखा कि कबीर एक मरी हुई गाय के पास बरतन रखे बैठे हैं। यह देखकर गुरु रामानंद बोले -  अरे कबीर तू दूध लेने नहीं गया.?
 
कबीर बोले -  स्वामीजी, ये गाय पहले घास खाएगी तभी तो दूध देगी।
रामानंद बोले -  अरे ये गाय तो मरी हुई है, ये घास कैसे खाएगी?
 
कबीर बोले - स्वामी जी, ये गाय तो आज मरी है। जब आज मरी गाय घास नहीं खा सकती, तो आपके 100 साल पहले मरे हुए पितृ खीर कैसे खाएंगे...?
 
यह सुनते ही रामानंद जी मौन हो गए और उन्हें अपनी भूल का एहसास हुआ
 
माटी का एक नाग बना के, पुजे लोग लुगाया
जिंदा नाग जब घर में निकले, ले लाठी धमकाया
  
जिंदा बाप कोई न पूजे, मरे बाद पुजवाया
मुठ्ठीभर चावल ले के कौवे को बाप बनाया
 
यह दुनिया कितनी बावरी है, जो पत्थर पूजे जाए
घर की चकिया कोई न पूजे, जिसका पीसा खाए
 
भावार्थ - जो जीवित हैं उनकी सेवा करो। वही सच्चा श्राद्ध है।
संत कबीर