जब-जब पानी आता है, पत्ते, फूल खिलाता है। बरखा रानी आती है, रिमझिम पानी लाती है।। पानी आता झर-झर, बादल गरजते गर-गर-गर। बिजली रानी चमकती है, लगता अच्छा नभ मंडल।। कभी आता ज्यादा पानी, कभी आता पानी कम। कभी कहीं पर बाढ़ बोलती, कभी बोलता सूखापन।। - गार्गी जमड़ा साभार - देवपुत्र