सोमवार, 21 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. Poems About the Sun

बाल कविता : सूरज करता चम-चम

Sun poems
सूरज करता चम-चम-चम-चम,
पानी झिलमिल करता।
सरिता जल में सुबह नहाने,
सूरज रोज उतरता।
 
रगड़-रगड़ कर अपने तन का सारा मैल छूटाता।
इसी मैल से रंग पानी का,
लाल-लाल हो जाता।
 
किरणों के घोड़े पर चढ़कर धूप धरा पर आती।
सोती, ऊंघ रही कलियों को,
हाथों से दुलराती।
 
पाकर छुअन धूप की, कलियां,
हौले से मुस्कतीं।
बन जाती हैं फूल, हवा से,
हंसकर के बतियातीं।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)
ये भी पढ़ें
Teachers day essay : शिक्षक दिवस पर हिन्दी में निबंध