हिन्दी कविता : जाग तुझको दूर जाना...
मंजिलें हैं दूर तेरी, रास्ता कांटोंभरा है,
जिंदगी संघर्ष तेरी, आग से दामन भरा है।
गम के प्याले हैं तुझको पीना,
जाग तुझको दूर जाना।
है किसे फुर्सत यहां,
गम बंटाने को तेरे।
कौन आएगा यहां,
आंसू पीने को तेरे।
आंसुओं का ये समंदर आज तुझको पार करना,
जाग तुझको दूर जाना।
जिंदगी के हर कदम पर,
मौत तेरे पास है।
मौत से ही लड़कर जीना,
अब तुम्हारे हाथ है।
जिंदगी जीना है तो कर मौत का तू सामना,
जाग तुझको दूर जाना।
जिंदगी के हर गम में,
सफलता का राज है।
राह का हर एक कांटा,
आज की आवाज है।
जिंदगी की हर कठिनता पर विजय तुझको आज पाना,
जाग तुझको दूर जाना।