बाल कविता : कल के प्रश्न...
पापा केवल झाड़ू लेकर
अपनी फोटो मत खिंचवाओ।
न ही छपकर अखबारों में,
अपनी झूठी शान बढ़ाओ।
सच में ही कुछ करना हो तो,
बाहर चलकर सड़क बुहारें।
झूठ-दिखावे के रावण को,
पूरी तरह जलाकर मारें।
छोटी गुड़िया ने यह कहकर,
बाहर जाकर सड़क बुहारी।
रैपर बीने कागज बीने,
और बीन ली पन्नी सारी।
आगे बढ़कर डस्टबीन में,
गुड़िया कचरा डाल रही है।
झूठ-दिखावे के सिक्के से,
कल के प्रश्न उछाल रही है।