शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
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Written By राजश्री कासलीवाल

करवा चौथ : 'अखंड सुहाग' का वरदान मांगने का दिन

करवा चौथ : 'अखंड सुहाग' का वरदान मांगने का दिन - Karva Chauth
करवा चौथ : महिलाओं का प्रिय ‍त्योहार 
 

 
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला त्योहार करवा चौथ एक ऐसा पावन दिन है जब पति की आयु के लिए की गई प्रार्थना प्रभु स्वीकार करते हैं और यही विवाहिता के लिए बड़ा वरदान है। चौथ के एक दिन पहले ही महिलाएं मेहंदी लगवाकर अपनी सजी हथेली से पूजन करती हैं।
 
करवा चौथ नजदीक आते ही महिलाओं के मन में एक अजीब-सी हलचल होने लगती हैं। उनका मन साज-श्रृंगार करने के लिए लालायित होने लगता है। महिलाएं इस त्योहार की तैयारी महीनों पहले से ही करने लगती हैं। परंपरा, फैशन और आधुनिकता के अनुरूप सजने-संवरने के लिए महिलाएं, कुंवारी कन्याएं तरह-तरह के सजने-संवरने के सामान को बाजार से समेटकर ले आती हैं और इस आने वाले पर्व का इंतजार करती हैं।
 
करवा चौथ के दिन महिलाएं विशेष रूप से श्रृंगार करती हैं। फैशन के इस दौर में भी महिलाएं इस पर्व पर पारंपरिक रूप से ही तैयार होती हैं। कुछेक महिलाएं इस दिन विवाह के समय दी गई चुंदड़ी भी ओढ़ती हैं।


 
जिस घर में नवविवाहिता बहू होती है उसके पहले करवा चौथ पर कुछ परिवारों में मायके से ससुराल में उपहारस्वरूप वस्त्र और श्रृंगार का सामान भिजवाया जाता है, जिसे पहनकर ही नवविवाहिता यह पूजा करती है। इस दिन नवविवाहिताओं को बस इंतजार रहता है शरमाकर बादलों के घूँघट में छिपे चंद्रमा का सुंदर मुखड़ा देखने का। उन्हें न भूख, न प्यास का अहसास होता है। उनके मन में तो बस करवा चौथ की उमंग होती है। करवा चौथ के दिन छोटी बहू, परिवार की बड़ी बहू या फिर सास को करवा और मिष्ठान्न प्रदान कर अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लेती है।
 
वर्ष में एक बार मनाए जानेवाले करवा चौथ के दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सलामती के लिए चौथमाता से मुराद मांग कर इस पर्व को सार्थक करती हैं। करवा चौथ के दिन लाल रंग के परिधान पहनने का अपना अलग ही महत्व है, क्योंकि लाल रंग शुभ व सुहाग का प्रतीक माना जाता है, अतः इस पर्व पर सामान्यतः इसी रंग के परिधान पहने जाते हैं।
 
समय में आए बदलाव के अनुसार अब पुरुष भी अपनी पत्नी के लिए करवा चौथ का व्रत रखते हैं और अपनी पत्नी की भावनाओं, उनकी आकांक्षाओं का ख्याल रखते हुए दोनों एक-दूजे के साथ-साथ, एक-दूजे के हाथ से व्रत का समापन करते हैं। यह दिन पति-पत्नी दोनों के लिए बहुत मायने रखता है, क्योंकि यह व्रत रिश्तों को मजबूत बनाता है। यही वजह होती है कि करवा चौथ के दिन पत्नी द्वारा ईश्वर से अपने सुहाग और घर की सुख-समृद्धि के लिए की गई प्रार्थना पति की जिदंगी में पत्नी की अहमियत को और ब़ढ़ा देती है। दिल को छू जाने वाले यही अहसास परिवार के रिश्ते को मजबूत बनाता हैं।