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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 22 अप्रैल 2024 (12:14 IST)

Hanuman Jayanti 2024: वर्ष में 4 बार क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती

साल में चार बार हनुमान जयंती मनाएं जाने का रहस्य

balaji maharaj bageshwar dham
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Hanuman Jayanti 2024: वर्ष में 4 बार हनुमान जयंती मनाई जाती है। आखिर ऐसा क्यों? हनुमानजी का जन्म तो एक ही समय हुआ होगा लेकिन हर राज्य में उनके जन्म की तिथि और मान्यता अलग अलग है। आओ जानते हैं कि देश के किस क्षेत्र में कब मनाते हैं हनुमान जयंती या जन्मोत्सव।
  • चैत्र शुक्ल पूर्णिमा
  • कार्तिक कृष्‍ण चतुर्दशी
  • मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी
  • ज्येष्ठ माह की दशमी

 
1. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा :-
 
- कहते हैं कि त्रेतायुग के अन्तिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मेष लग्न और चित्रा नक्षत्र में मंगलवार के दिन प्रातः 6:03 बजे हनुमानजी का जन्म एक गुफा में हुआ था। मतलब यह कि चैत्र माह में उनका जन्म हुआ था। इस मान्यता को उत्तर भारत में मान्यता प्राप्त है। अधिकतर क्षेत्र में इसी दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है।
 
- कई विद्वानों का मानना है कि चैत्र माह की तिथि को उनका जन्म नहीं हुआ था। इसे विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप मनाते हैं। इस दिन हनुमानजी सूर्य को फल समझ कर खाने के लिए दौड़े थे, उसी दिन राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आया हुआ था लेकिन हनुमानजी को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें दूसरा राहु समझ लिया। इस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा थी।
2. कार्तिक कृष्‍ण चतुर्दशी यानी नरक चतुर्दशी : 
 
- वाल्मीकि रचित रामायण के अनुसार हनुमानजी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मंगलवार के दिन, स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था। कहते हैं कि इस तिथि को ही हनुमानजी का जन्मदिवस मनाया जाता है। 
- एक अन्य मान्यता के अनुसार माता सीता ने हनुमानजी की भक्ति और समर्पण को देखकर उनको अमरता का वरदान दिया था। यह दिन नरक चतुर्दशी का दिन था।
 
3. मार्गशीर्ष शुक्ल त्रयोदशी:-
 
- कर्नाटक में, मार्गशीर्ष माह के दौरान शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को हनुमान जयन्ती मनायी जाती है। इस दिन को हनुमान व्रतम के नाम से भी जाना जाता है।
 
4. ज्येष्ठ माह की दशमी:-
आंध्र, तेलंगाना या तेलुगु में हनुमान जन्म उत्सव ज्येष्ठ माह की दशमी को मनाया जाता है। यह उत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा से प्रारंभ होता है। कई लोग इसे श्री हनुमानजी के जन्म के रूप में मनाते हैं। 
- हालांकि यह भी कहते हैं कि आंध्र, तेलंगाना या तेलुगु जैसे दक्षिणी क्षेत्रों में, हनुमान जयंती उस दिन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है जब भगवान हनुमानजी भगवान राम से मिले थे।
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