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Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: रविवार, 4 जून 2023 (10:28 IST)

क्या 15 जून तक तैयार हो पाएगा अमरनाथ यात्रा मार्ग, बर्फबारी और खराब मौसम ने डाली बाधा

snowfall in Jammu kashmir
Amarnath Yatra : एक जुलाई से शुरू होने जा रही 62 दिवसीय वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए सभी तैयारियों को 15 जून तक पूरा करने की कवायद अंतिम चरण में है। पर इसमें अब कश्मीर का बार-बार रंग बदलता मौसम रोड़े अटकाने लगा है। शनिवार को भी अमरनाथ गुफा के बाहर तथा यात्रा मार्ग पर कई स्थानों पर होने वाली बर्फबारी ने सीमा सड़क संगठन की परेशानी बढ़ा दी है। जो 15 जून तक दोनों यात्रा मार्गों को तैयार करने का टारगेट लेकर चल रहा है।
 
हालांकि जो तैयारियां अंतिम चरण में हैं उनमें जम्मू के भगवती नगर स्थित आधार शिविर को व्यवस्थित करना, दोनों यात्रा मार्गों पर लंगर की व्यवस्थाएं करने के साथ ही दोनों यात्रा मार्ग को पूरी तरह से श्रद्धालुओं के लिए चलने लायक बनाना शामिल है।
 
अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने इसे माना है कि दोनों यात्रा मार्ग पर ताजा बर्फबारी के कारण यात्रा मार्ग से बर्फ को हटाने के कार्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है पर उन्हें उम्मीद है कि पहाड़ों पर हमेशा विजय हासिल करने वाली सीमा सड़क संगठन के जवान इस कठिनाओं पर जीत हासिल करते हुए 15 जून तक दोनों ट्रैक को तैयार कर देंगें।
 
हालांकि सीमा सड़क संगठन (BRO) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने शनिवार पहलगाम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि अमरनाथ यात्रा ट्रैक पर बर्फ हटाने का काम जोरों पर चल रहा है।
 
चौधरी का कहना था कि हेलीकाप्टर और मशीनरी की मदद से अमरनाथ यात्रा ट्रैक से बर्फ हटाने का काम चल रहा है। ट्रैक पर 1350 लोग काम कर रहे हैं। इतना जरूर था कि बीआरओ के अधिकारी यात्रा मार्ग तथा अमरनाथ गुफा के बाहर बार बार खराब होते मौसम के कारण अपने टारगेट को समय पर पूरा कर पाने के प्रति आशंकित दिखने लगे थे।
 
इतना जरूर था कि यात्रा मार्ग पर इस बार बार-बार खराब होते मौसम के कारण श्राइन बोर्ड के अधिकारी चिंता में थे। उनकी चिंता यह थी कि अगर यूं ही मौसम खराब रहा तो यात्रा में शामिल होने वाले कमजोर और बूढ़े श्रद्धालुओं की परेशानी बढ़ जाएगी। इसे याद रखना पड़ सकता है कि पिछले साल 8 जुलाई को अमरनाथ गुफा के बाहर बादल फटने की घटना भी खराब मौसम का हिस्सा थी जिसमें 15 श्रद्धालु मारे गए थे।
 
जानकारी के लिए पहली बार अमरनाथ यात्रा के दोनों मार्ग के रख रखाव का जिम्मा बीआरओ अर्थात सीमा सड़क संगठन को इसलिए दिया गया है क्योंकि अमरनाथ श्राइन बोर्ड बालटाल के मार्ग से फिलहाल बैटरी कार ऑपरेट करने की कोशिशें करना चाहता है ताकि अगले कुछ सालों में इसे मोटरेबल रोड बनाते हुए पंचतरणी तक लोगों को अपने वाहन से यात्रा करने की सुविधा मुहैया करवा सके।
 
इन अधिकारियों ने माना है कि वैष्णो देवी के तीर्थस्थल से कुछ बैटरी कारों को बालटाल मार्ग पर ले जाने की पूरी तैयारी है ताकि इनका परीक्षण करने का अवसर मिल जाए।
Edited by : Nrapendra Gupta 
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