मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. टेक्नोलॉजी
  3. आईटी न्यूज़
  4. RBI restricts Mastercard from issuing new debit, credit cards in India from 22 July
Written By
Last Modified: बुधवार, 14 जुलाई 2021 (18:57 IST)

RBI का बड़ा फैसला, बैंक जारी नहीं कर पाएंगे Master Debit और Credit Card, इसलिए लगी रोक

RBI का बड़ा फैसला, बैंक जारी नहीं कर पाएंगे Master Debit और Credit Card, इसलिए लगी रोक - RBI restricts Mastercard from issuing new debit, credit cards in India from 22 July
नई दिल्ली। केंद्रीय बैंक आरबीआई (RBI) ने बैंकों और माइक्रो​ फाइनेंस कंपनियों द्वारा नए डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी करने को लेकर बुधवार को बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने मास्टरकार्ड जारी करने पर रोक लगा दी है। अब बैंक नए या पुराने ग्राहकों को मास्टर डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर पाएंगे। आरबीआई का यह फैसला 22 जुलाई से लागू होगा।
 
बैंकों की ओर से जो डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी किए जाते हैं, उसे कंपनियां बनाती हैं। इन्हीं में से एक है- मास्टरकार्ड एशिया/पैसिफिक पीटीई लिमिटेड (मास्टरकार्ड)।  मास्टरकार्ड एक पेमेंट सिस्‍टम ऑपरेटर है, जो पीएसएस अधिनियम (PSS Act) के तहत देश में कार्ड नेटवर्क संचालित करने के लिए अधिकृत है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को Mastercard Asia / Pacific Pte Ltd पर कार्रवाई करते हुए 22 जुलाई से अपने कार्ड नेटवर्क पर नए घरेलू डेबिट, क्रेडिट या प्रीपेड ग्राहकों को शामिल करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
 
बैंक के द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति के मुताबिक कंपनी ने भुगतान प्रणाली डेटा के भंडारण पर आरबीआई के मानदंडों का उल्लंघन किया है। इसलिए RBI ने मास्टरकार्ड पर रोक लगाने का फैसला लिया है। यह रोक पेमेंट सेक्शन 17 और सैटलमेंट सिस्टम एक्ट 2007 के तहत लगाई गई है। 
 
खबरों के मुताबिक काफी समय से कार्ड जारी करनेवाली कंपनियों को इस बारे में चेताया जा रहा था। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि पर्याप्त अवसर दिए जाने के बावजूद, कंपनी भुगतान प्रणाली डेटा के भंडारण के निर्देशों का अनुपालन नहीं कर रही थी। इसलिए कार्रवाई की गई। आरबीआई ने कहा कि भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस एक्ट) की धारा 17 के तहत आरबीआई में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए कंपनी पर कार्रवाई की गई है। 
ये भी पढ़ें
देशमुख के वकील बोले, उनके मुवक्किल को लगता है ईडी की जांच उचित नहीं