भारत दुनिया का सबसे बड़ा एआई हब बनने जा रहा है। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा है कि उनकी कंपनी भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का बड़ा हब बनाने के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपए (15 अरब डॉलर) का निवेश करेगी। पिचाई ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में बात की है।
आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम में अपने पहले एआई हब के लिए अमेरिकी तकनीकी दिग्गज की योजनाओं को उनसे साझा किया है। गूगल ने विशाखापत्तनम में एक विशाल डेटा सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस का ऐलान किया है, जो अमेरिका के बाहर उसका सबसे बड़ा एआई हब होगा। कंपनी ने कहा कि गूगल अगले पाँच वर्षों में भारत में 15 अरब डॉलर का निवेश करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत का हवाला देते हुए सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया एक्स पर इस बारे में जानकारी शेयर की है। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है।
सुंदर पिचाई ने एक्स पर दी जानकारी
भारतीय मूल के सीईओ ने एक्स पर लिखा, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात करके बहुत अच्छा लगा, हमने विशाखापत्तनम में पहले गूगल एआई केंद्र के लिए अपनी योजनाओं को साझा किया जो एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। पिचाई ने लिखा कि यह केंद्र गीगावाट स्तरीय कंप्यूटिंग क्षमता, एक नया अंतरराष्ट्रीय सब-सी गेटवे और विशाल ऊर्जा अवसंरचना को एक साथ लाता है। इसके माध्यम से हम अपनी उद्योग-अग्रणी प्रौद्योगिकी को भारत के उद्यमों एवं यूजर्स तक पहुंचाएंगे जिससे एआई नवोन्मेषण में तेजी आएगी और देश भर में विकास को गति मिलेगी।
समझौते के अनुसार अमेरिका की कंपनी गूगल अगले 5 वर्ष में विशाखापत्तनम में एक एआई केंद्र स्थापित करने के लिए 15 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगी। इसमें अदाणी समूह के साथ साझेदारी में देश का सबसे बड़ा डेटा सेंटर भी शामिल होगा। कार्यक्रम में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में औपचारिक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए गए। समझौता गूगल और आंध्रप्रदेश सरकार के बीच हुआ है।
अश्विनी वैष्णव ने क्या कहा
अपकमिंग इंडिया एआई इम्पैक्ट समिट 2026 के ऑफिशियल प्री-समिट इवेंट भारत एआई शक्ति के बाद मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, “भारत ने आईटी में वैश्विक स्तर अपनी एक अलग और बड़ी पहचान बनाई है। एआई के इस दौर में भारत की यह पहचान और ताकत बनी रहे, इसके लिए बहुत जरूरी है कि एआई का इंफ्रास्ट्रक्चर भारत में प्रवेश करे। डिजिटल इंफ्रा भारत में आए।”
उन्होंने आगे कहा, “इसलिए एआई मिशन में कॉमन कंप्यूट फैसिलिटी लाई गई और गूगल का यह 15 बिलियन डॉलर का निवेश यह भी उसी एआई इंफ्रा को बढ़ावा देगा। बड़ी कंप्यूट फैसिलिटी बनेगी, जो हमारे स्टार्टअप्स, रिसर्च और युवाओं के लिए एक बड़ी ताकत बनेगी।”
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने पीएम मोदी और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विजन और प्रयासों से विश्व की सबसे बड़ी कंपनियां भारत में अपना इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित कर रही हैं। इसी तरह, एन. चंद्रबाबू नायडू के क्रियान्वयन और विजन के कारण आज बहुत ही कम समय में यह संभव हो पाया है।”
एआई के बढ़ते प्रभाव को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एआई के कारण हमारी जिंदगी के हर पहलू पर प्रभाव पड़ रहा है। हम इस प्रभाव को किस प्रकार लाभकारी बना सकते हैं, किस प्रकार जल्द से जल्द हमारे आईटी नल और युवाओं को अपस्किल कर एआई-रेडी बनाएं इस पर ध्यान दिया जाएगा, ताकि नए अवसरों का लाभ भारत सबसे पहले ले सके।
इस बीच, कार्यक्रम को लेकर एक्स हैंडप्रोफेशल पर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने लिखा कि पीएम मोदी के दूरदर्शी नीतियों ने भारत को डिजिटल सेक्टर में अग्रणी स्थान दिलाया है। भारत अब एआई और क्वांटम सेक्टर में भी अग्रणी होगा। उन्होंने लिखा, भारत एआई शक्ति कार्यक्रम में गूगल के एआई सिटी विशाखापत्तनम में 1 गीगावाट हाइपरस्केल डेटा सेंटर कैंपस का लॉन्च देखा। कंपनी इस परियोजना में 5 वर्षों में 80,000 करोड़ तक का निवेश करेगी।”
आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने कार्यक्रम में कहा कि यह परियोजना भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा में एक नया अध्याय है। उन्होंने भारत के पहले 1 गीगावाट-स्तरीय डेटा सेंटर और देश में गूगल के पहले एआई हब की स्थापना में राज्य की भूमिका पर प्रकाश डाला। गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने एआई हब को भारत के डिजिटल भविष्य में एक ऐतिहासिक निवेश बताया। Edited by : Sudhir Sharma