Lakshmi ji ki photo kaisi honi chahiye: दिवाली, भारत का सबसे बड़ा और पवित्र त्योहार है। यह पर्व मां लक्ष्मी, धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी, की पूजा के बिना अधूरा है। ऐसा माना जाता है कि कार्तिक अमावस्या की रात माता लक्ष्मी स्वयं पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो भक्त विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं, उनके घर में स्थायी रूप से वास करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली की पूजा का पूरा फल तभी मिलता है जब माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति का चुनाव शास्त्रों और वास्तु के नियमों के अनुसार किया जाए? आइए जानते हैं उन 4 महत्वपूर्ण नियमों के बारे में, जिनका ध्यान लक्ष्मी जी की प्रतिमा खरीदते समय रखना चाहिए:
लक्ष्मी जी की तस्वीर के चुनाव के 4 महत्वपूर्ण नियम
पूजा-पाठ के नियमों के अनुसार, माता लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर में कुछ विशेष मुद्राएं और प्रतीक अनिवार्य रूप से मौजूद होने चाहिए, जो घर में स्थिर लक्ष्मी के आगमन का संकेत देते हैं:
1. बैठी हुई मुद्रा में होनी चाहिए तस्वीर: दिवाली पूजन के लिए हमेशा बैठी हुई मुद्रा वाली मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर का चुनाव करना चाहिए। खड़ी हुई मुद्रा में लक्ष्मी जी को चंचला और अस्थिर माना जाता है। उनका खड़ा होना यह दर्शाता है कि वह उस स्थान से जाने वाली हैं। इसके विपरीत, बैठी हुई मुद्रा यह संकेत देती है कि माता लक्ष्मी आपके घर में स्थायी रूप से विराजमान हो गई हैं और उनका आशीर्वाद चिरकाल तक बना रहेगा।
2. कमल के फूल पर विराजमान: तस्वीर में मां लक्ष्मी कमल के पुष्प पर ही बैठी होनी चाहिए। कमल का फूल पवित्रता, दिव्यता और आध्यात्मिक पूर्णता का प्रतीक है। कमल कीचड़ में उगने के बावजूद निर्मल रहता है, जो यह संदेश देता है कि हमें सांसारिक मोह-माया के बीच रहकर भी पवित्र बने रहना चाहिए। कमल पर बैठी मां लक्ष्मी की पूजा धन के साथ सद्बुद्धि और शुभता लाती है।
3. दाहिने हाथ से वरदान मुद्रा: माता लक्ष्मी का हाथ वरदान की मुद्रा में होना चाहिए। इस मुद्रा में उनका दाहिना हाथ आशीर्वाद देते हुए या भक्तों की ओर उठा हुआ दिखाई देता है। यह मुद्रा सुख-समृद्धि, भय मुक्ति और मनोकामना पूर्ति का प्रतीक है। यह दर्शाती है कि माता अपने भक्तों को सभी संकटों से मुक्ति दे रही हैं और धन-धान्य का आशीर्वाद बरसा रही हैं।
4. हाथ से सोने के सिक्के गिरते हुए: तस्वीर या मूर्ति ऐसी होनी चाहिए जिसमें उनके हाथों से सोने के सिक्के नीचे गिरते हुए या वर्षा करते हुए दिखाए गए हों। यह मुद्रा बताती है कि मां लक्ष्मी निरंतर अपने भक्तों पर धन की वर्षा कर रही हैं। यह समृद्धि की निरंतरता और अक्षय भंडार का प्रतीक है। इसके अलावा, लक्ष्मी माता के साथ हाथी का होना भी अत्यंत शुभ माना जाता है, जो राजसी वैभव को दर्शाता है।
लक्ष्मी जी की तस्वीर में क्या होना चाहिए गणेश जी का स्थान: दिवाली पर लक्ष्मी जी की पूजा गणेश जी के बिना अधूरी है। ध्यान रखें कि पूजा के समय गणेश जी को हमेशा लक्ष्मी जी के दाहिनी ओर स्थापित किया जाना चाहिए। गणेश जी को बुद्धि और विघ्नहर्ता माना जाता है। उनका साथ होना यह सुनिश्चित करता है कि आपके पास आया धन बुद्धिमानी से उपयोग हो और वह स्थाई रहे।
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