भारत-चीन के छात्रों को अमेरिका ने कहा ‘गो बैक टू होम’, हजारों स्टूडेंट्स को छोड़ना होगा अमेरिका?
कोरोना ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है, ऐसे में दुनियाभर में स्टडी कर रहे स्टूडेंट भी प्रभावित हुए हैं। भारत से सबसे ज्यादा लोग पढ़ाई के लिए अमेरिका जाते हैं, इसके बाद चीन के स्टूडेंट की भी वहां बहुत तादात है। ऐसे में अब अमेरिका में रहने वाले कई स्टूटेंड्स को अमेरिका छोड़ना होगा।
अमेरिका ने ऐसे सभी विदेशी छात्रों से देश छोड़ने को कहा है जिनकी क्लासेस अब ऑनलाइन हो रही हैं। एक बयान में यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम इनफोर्समेंट (आईसीई) ने कहा है कि ऑनलाइन क्लास दे रहे छात्रों को अगले सेमेस्टर का वीजा भी जारी नहीं किया जाएगा।
उसके मुताबिक ऐसे छात्रों के पास दूसरा विकल्प यह है कि वे किसी ऐसे शिक्षण संस्थान में अपना ट्रांसफर करा लें, जहां क्लासेस सामान्य रूप से चल रही हों।
कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में पहले स्थान पर चल रहे अमेरिका में कई शिक्षण संस्थान अब पूरी तरह से ऑनलाइन क्लासेस चला रहे हैं। इनमें हार्वर्ड विश्वविद्यालय भी शामिल है। संस्थान का कहना है कि कैंपस खुलने पर 40 फीसदी छात्रों को लौटने की इजाजत दी जाएगी, लेकिन क्लासें सिर्फ ऑनलाइन होंगी।
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन के मुताबिक 2018-19 के सत्र के दौरान अमेरिका में 10 लाख से भी ज्यादा विदेशी छात्र थे। यह आंकड़ा वहां उच्च शिक्षा ले रहे छात्रों का करीब साढ़े पांच फीसदी था। एक अनुमान के मुताबिक 2018 में विदेशी छात्रों का अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान 44.7 अरब डॉलर था। इन छात्रों में सबसे बड़ी संख्या चीनियों की थी। इसके बाद भारत, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब और कनाडा का स्थान था।