पाकिस्तान के छद्म युद्ध से बढ़ा भारत-पाक के बीच तनाव...
वाशिंगटन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पाकिस्तान से कहा है कि वह भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराने के बजाए भारत के खिलाफ छद्म युद्ध करने के लिए आतंकवादी समूहों के इस्तेमाल की अपनी नीति को दोषी ठहराए।
तिवारी ने अटलांटिक काउंसिल के साउथ एशिया सेंटर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'भारत एवं पाकिस्तान के संबंधों में 26\11 (मुंबई हमलों) के बाद तनावपूर्ण मोड़ आया था। वर्ष 2008 के बाद भले ही संप्रग सरकार हो या इसके बाद भाजपा के नेतृत्व में राजग सरकार हो, पाकिस्तान के साथ रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं।'
उन्होंने कहा, 'केवल सरकार ही नहीं बल्कि पूरे भारत के लोगों को लगता है कि 26/11 हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करना भारत एवं पाकिस्तान के बीच संबंध आगे बढ़ाने की पूर्व शर्त है।'
तिवारी ने कहा कि जब मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की नातिन के विवाह में शामिल होने के लिए लाहौर जाने का अचानक निर्णय लिया तो इसके बाद भारत में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला हुआ।
तिवारी ने कहा, 'पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से संयुक्त जांच दल, जिसमें कई एजेंसियों के लोग शामिल थे, को आमंत्रित किया ताकि वे उन सबूतों के देख सकें जो इस तथ्य की ओर इशारा करते हैं कि यह सीमा पार से प्रायोजित हमला था।'
उन्होंने कहा, 'इस सबूत को स्वीकार करने के बजाए तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया में कहा कि यह फर्जी अभियान था और भारतीयों ने स्वयं इसे अंजाम दिया।'
पाकिस्तान के वरिष्ठ नेता मुशाहिद हुसैन ने टिप्पणी की थी कि मोदी की दक्षिणपंथी नीतियों के कारण भारत एवं पाकिस्तान के बीच संबंध आज इतने तनावपूर्ण हैं जिसके जवाब में तिवारी ने कहा, 'मोदी या सरकार के तौर पर उनके दक्षिणपंथी रुख को दोषी ठहराना बहुत आसान है, लेकिन असलियत यह है कि भारत एवं पाकिस्तान के संबंध 26/11 हमले के बाद ही तनावपूर्ण हो गए थे।' (भाषा)