मौसम की मार, रूसी गांव में ठंड से जम गईं लोगों की पलकें
मॉस्को। रूस के साइबेरियाई गांव ओइमयाकन में तापमान शून्य से 62 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया है। इसे धरती का सबसे सर्द बसावट वाला स्थान कहा जा रहा है। पिछले दिनों अमेरिका में ठंड से जीवन बेहाल था।
अब रूस के साइबेरियाई गांव ओइमयाकन में तापमान शून्य से 62 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया है। हालात इतने खराब हैं कि यहां तापमान मापने के लिए लगाया गया थर्मामीटर भी ठंड के कारण टूट गया। लोगों को दावा है कि उनके निजी थर्मामीटरों में तापमान -67 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड हुआ है।
इतनी ठंड में लोगों के सिर के बाल और पलकें तक जम गई हैं। लोगों ने अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाली हैं। जनवरी महीने में आमतौर पर यहां औसत तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे होता है। सभी स्थान बर्फ से जमे हुए हैं। इससे पहले गांव में 1933 में तापमान -68 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बड़ा थर्मामीटर लगाया गया था लेकिन अत्यधिक ठंड में वह भी टूट गया। गांव के सभी घर बर्फ की मोटी परत से ढके हैं। लोगों को पेन की इंक जमने से लेकर बैटरी बंद होने जैसी स्थितियों से जूझना पड़ता है। यहां वाहनों को दिनभर चालू रखना पड़ता है।
धरती का सबसे ठंडा स्थान दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद अंटार्कटिका है, लेकिन यह निर्जन है। वहां तापमान -89 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। 2013 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने उपग्रह से अंटार्कटिका का तापमान -94.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया था।