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Last Updated : सोमवार, 13 सितम्बर 2021 (18:42 IST)

'घाव पर मरहम' लगाने वाली भानुमती का Florida Nightingale Award से होगा सम्‍मान

'घाव पर मरहम' लगाने वाली भानुमती का Florida Nightingale Award से होगा सम्‍मान - gujrat nurse bhanumati gheewala
ब्रिटेन में जन्‍मी नाइटिंगेल गर्ल धनी परिवार से ताल्‍लुक रखती थी। बचपन से ही गणित में रूचि थी। लेकिन इसी के साथ सेवा भाव भी मन में बहुत था। वह जिस भी शहर में जाती थी, वहां की जनसंख्‍या, कितना बड़ा क्षेत्र है, कितने अस्‍पताल है, स्‍वास्‍थ्‍य की क्‍या सुविधा है। जैसी तमाम जानकारियां एकत्रि‍त करती थी। एक दिन फ्लोरेंस ने अपने माता-पिता से कहा मुझे भगवान ने कहा मेरी सेवा करों, माता-पिता चिंतित हो गए। लेकिन फ्लोरेंस ने अपना घर छोड़ दिया...और नर्सिंग की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग के बाद फ्लोरेंस ने अपनी साथी महिलाओं को भी ट्रेनिंग दी। 1853 से 1856 तक चले यु्द्ध ने उसे हीरो बना दिया। युद्ध में घायल हए जवानों की देखभाल के लिए फ्लोरेंस जमीन से लेकर हर बड़े अधिकारी तक को जरूरी चीजों के लिए आगाह किया और मदद मांगी। वह 38 नर्सों और 8 ननों के साथ उस जगह पुहंची जहां उनकी जान को भी खतरा था।

आज फ्लोरेंस नाइटिंगेल जैसी देश में कई सारी महिलाएं हैं। जिन्हें इस खिताब से नवाजा जा चुका है। गुजरात के वडोदरा के सर सयाजीराव जनरल अस्‍पताल की नर्स भानुमति घीवला को फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड से सम्‍मानित किया जाएगा। 2019 में बाढ़ आने के बाद भी अस्‍पताल में अपनी सेवा देती रहीं। साथ ही कोरोना काल में भी लोगों की सेवा करती रहीं। 
 
मुझे छुट्टी लेना पसंद नहीं...
 
भानुमति घीवला कोरोना का खतरा होने के बावजूद अपनी सेवाएं जारी रखी। वह स्‍त्री व बाल रोग वार्ड में ड्यूटी करती थी। नर्स भानुमति ने कहा कि, 'मुझे कैजुअल लीव लेना पसंद नहीं है।' इतना ही नहीं वह गर्भवती महिलाओं के देखभाल के साथ नवजात शिशुओं का भी पूरा ख्‍याल रखती थी। 
 
वहीं जब 2019 में बाढ़ का कहर बरसा, उस दौरान अस्‍पताल पानी -पानी हो गया था। लेकिन तब भी वह अस्‍पाताल जाती थी। अपनी ड्यूटी पूरी तरह से निभाती थी। उस दौरान भी उनकी ड्यूटी स्‍त्री और बाल रोग में ही लगी थी। उनके इस लगातार सहयोग, मानवता और निष्‍ठा भाव का फल है। भानुमति से पहले यह अवॉर्ड श्री माता वैष्‍णो देवी कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ शैला कैनी का चयन हुआ था।