रिटायर्ड पटवारी को मिली भ्रष्टाचार की सजा, 1.80 करोड़ के जुर्माने के साथ सश्रम कारावास
इंदौर (मध्यप्रदेश)। इंदौर की जिला अदालत ने भ्रष्टाचार के जरिए बेनामी संपत्ति बनाने के मामले में मंगलवार को एक सेवानिवृत्त पटवारी को 4 साल के सश्रम कारावास और 1.80 करोड़ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश यतीन्द्र कुमार गुरु ने सेवानिवृत्त पटवारी ओमप्रकाश विश्वप्रेमी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने वर्ष 2011 में पड़ोसी उज्जैन जिले में पटवारी के तौर पर पदस्थ विश्वप्रेमी के ठिकानों पर छापे मारे थे।
उन्होंने बताया कि छापों में विश्वप्रेमी के साथ ही उनकी पत्नी, मां और घरेलू कर्मचारी के नाम पर चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज, सोने-चांदी के जेवरात और विलासिता का सामान मिला था। चतुर्वेदी ने बताया कि विश्वप्रेमी के घरेलू कर्मचारी के एक बैंक खाते में 10.47 लाख रुपए तथा 85.54 लाख रुपए के 2 अलग-अलग लेन-देन मिले थे जबकि उनकी पत्नी के 2 बैंक खातों में 8.38 लाख रुपए और 8.40 लाख रुपए की जमा राशियां पाई गई थीं। उन्होंने बताया कि विश्वप्रेमी, पटवारी के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और अदालत उनकी कुछ संपत्तियों को जब्त करने का आदेश पहले ही दे चुकी है।