इंदौर में नेशनल हाईवे के सर्वे के लिए पहुंची टीम, किसानों ने घेरा और भगाया
File photo
इंदौर में हाल ही में आउटर रिंग रोड के निर्माण के लिए शुरू कराए गए सर्वे का जोरदार विरोध भी शुरू हो गया है। जब यहां सर्वे के लिए नेशनल हाइवे की टीम पहुंची तो किसानों ने उन्हें घेर लिया और इसके पहले कि कोई अनहोनी होती, टीम वहां से भाग निकली। कुल मिलाकर किसानों ने टीम को सर्वे नहीं करने दिया गया और टीम को वापस आना पड़ा। बता दें कि पिछले दिनों केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा इस प्रस्तावित रिंग रोड परियोजना का हवाई सर्वे किया गया था।
बता दें कि सरकार द्वारा इंदौर में आउटर रिंग रोड की योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत पश्चिमी रिंग रोड का भी निर्माण किया जाना है। यह सड़क पीथमपुर के आगे एबी रोड से शुरू होकर धार रोड, उज्जैन रोड को क्रॉस करते हुए शिप्रा के पास जाकर फिर से एबी रोड से मिलेगी। इस सड़क का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया जाना है। इस सड़क के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण करने से पूर्व भूमि का सर्वे करने का कार्य शुरू किया गया है।
निर्माण के लिए करना होगा सर्वे : पिछले दो दिन से नेशनल हाईवे की टीम द्वारा सर्वे करने के लिए अलग-अलग गांव में जाकर जमीन को देखने का काम किया जा रहा है। जहां भी नेशनल हाईवे की टीम सर्वे करने के लिए पहुंच रही है, वहां भारी संख्या में किसान जमा हो जाते हैं और इस सर्वे का विरोध कर रहे हैं। कल भी बेटमा तहसील के गांव मोहना, किशनपुरा, मांगलिया में इस सडक़ के लिए टीम सर्वे करने पहुंची। नेशनल हाईवे टीम को किसानों ने नारेबाजी करते हुए काम नहीं करने दिया और टीम सर्वे किए बगैर ही बैरंग लौट गई। टीम के साथ देपालपुर के अनुविभागीय अधिकारी राकेश मोहन त्रिपाठी, नायब तहसीलदार पूजा सिंह चौहान, लोकेश अजूबा, राजस्व निरीक्षक अमिताभ पारे के अलावा पुलिस विभाग, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी थे।
किसान संघ भी आया : किसानों के हित में इस सर्वे का विरोध करते हुए भारतीय किसान संघ भी मैदान में आ गया है। किसान संघ से जुड़े किसानों ने भी कल के इस सर्वे में टीम का जोरदार विरोध करते हुए उसे वापस भेजने में मुख्य भूमिका निभाई।
मंत्री गडकरी ने किया था सर्वे : पिछले दिनों केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा इस प्रस्तावित रिंग रोड परियोजना का हवाई सर्वे किया गया था। इस दौरान उन्होंने सर्वे को लेकर हो रही देरी पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद में प्रशासन ने विभिन्न विभागों का संयुक्त दल गठित किया था। इस दल को गांव-गांव जाकर सर्वे करने और अधिग्रहण की भूमि को चिह्नित करने का काम सौंपा गया था। किसानों की मांग-बाजार भाव से चार गुना मुआवजा दो विरोध कर रहे किसानों का कहना है कि हमारी जमीन यदि लेना है तो हमें जमीन के बाजार भाव से चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान किया जाए। राज्य सरकार द्वारा इस तरह का कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है।
Edited By: Navin Rangiyal