दूसरी मंजिल से गिरा, दो सरिये पेट के आर-पार, एक जांघ में फंसा, 5 घंटे की सर्जरी, ऐसे बचाई इंदौर के डॉक्टरों ने जान
जाको राखे साइयां मार सकें न कोय। इंदौर में हुए एक हादसे में एक शख्स ने इसी कहावत को चरितार्थ कर दिया। जी, हां। एक मॉल की दीवार की पुताई करते हुए एक पेंटर दूसरी मंजिल से गिर गया। बीच में वो लोहे के सरिये पर अटक गया। इस दौरान दो सरिये उसके पेट के आर पार हो गए, जबकि एक सरिया उसकी जांघ में धंस गया। इंदौर के डॉक्टरों ने पांच घंटे सर्जरी कर शख्स की जान बचाई।
यह हादसा एक निजी मॉल के पास हुआ। दूसरी मंजिल से 25 फीट नीचे से गिरे पेंटर के शरीर में तीन लोहे के सरिये आर-पार हो गए। एमवाय अस्पताल में पांच घंटे चली जटिल सर्जरी में डॉक्टरों ने बड़ी आंत, छोटी आंत और हड्डियों की गंभीर चोटों का इलाज कर उसकी जान बचाई।
क्या है पूरा मामला : शहर में पेंटिंग का काम कर रहा एक 25 वर्षीय युवक 25 फीट की ऊंचाई से गिर गया। गिरते ही उसके शरीर में 12 एमएम मोटाई के तीन लोहे के सरिये आर-पार हो गए। घटना के बाद युवक को तत्काल महाराज यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों की टीम ने पांच घंटे की जटिल सर्जरी कर उसकी जान बचाई। दरअसल, घटना 20 सितंबर की दोपहर की है। शाजापुर निवासी नितेश जायसवाल फिनिक्स मॉल के पास दूसरी मंजिल पर काम कर रहा था। तभी पैर फिसलने से वह सीधे 25 फीट नीचे सेप्टिक टैंक पर बने कॉलम के सरियों पर जा गिरा। निर्माणाधीन टैंक के कॉलम के तीन सरिए उसके शरीर में घुस गए।
क्या कहा डॉक्टरों ने : एमवाय अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने देखा कि दो सरिये पेट से आर-पार हो चुके थे, जबकि एक सरिया उल्टी तरफ की जांघ में फंसा हुआ था। प्रोफेसर डॉ सुदर्शन ओडिया और उनकी टीम ने बिना समय गंवाए ऑपरेशन शुरू करने का फैसला किया। ऑपरेशन के दौरान सरियों के कारण जमा हुआ एक लीटर खून निकाला गया। धीरे-धीरे तीनों सरियों को बेहद सावधानी से हटाया गया। इस दौरान पता चला कि बड़ी आंत, छोटी आंत और आंत की मांसपेशियों में कई जगह छेद हो गए थे, जिन्हें सर्जरी कर सील किया गया। डॉक्टरों ने बताया कि सरियों के कारण रीढ़ और कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था। ऑपरेशन के बाद मरीज को 24 घंटे आईसीयू में मॉनिटरिंग में रखा गया। उसे खून चढ़ाया गया और लिक्विड डाइट दी गई। उसकी हालत अब ठीक है। मरीज अब खुद से हल्का भोजन करने लगा है। सर्जरी में जनरल सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ अरविंद कुमार शुक्ल, प्रोफेसर डॉ सुदर्शन ओडिया, डॉ संजय कुमार महाजन, डॉ. सतीश वर्मा, डॉ. यश अग्रवाल, डॉ. अभिनय सोनी, डॉ. अर्पित तिवारी और डॉ. ध्रुवसिंह गोहिल की टीम शामिल रही। डॉक्टरों के अनुसार, पांच दिन तक लगातार निगरानी के बाद नितेश की हालत में सुधार है। अब वह हल्का भोजन कर रहा है। अगले दो-तीन दिनों में उसे छुट्टी दे दी जाएगी। हॉस्पिटल में उसका इलाज फ्री में किया गया है।
Edited By: Navin Rangiyal