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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 14 अगस्त 2024 (15:59 IST)

15th August 2024 : 78वां स्वतंत्रता दिवस विशेष, कैसे करें इंडिपेंडेंस डे स्पीच की तैयारी, काम की बातें

15th August 2024 : 78वां स्वतंत्रता दिवस विशेष, कैसे करें इंडिपेंडेंस डे स्पीच की तैयारी, काम की बातें - speech on independence day
Independence Day
 
Highlights 
 
गुरुवार को भारत मनाएगा 78वां स्वतंत्रता दिवस।
इंडिपेंडेंस डे स्पीच की तैयारी कैसे करें। 
78th Independence Day of India : इस वर्ष हम 15 अगस्त 2024, दिन गुरुवार को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहे हैं। इस खास अवसर पर 'हर घर तिरंगा, घर-घर तिरंगा' अभियान ने जोर पकड़ लिया है। 
आइए जानते हैं यहां 15 अगस्त के इस खास अवसर एक जोरदार स्पीच की तैयारी कैसे करें.... 
 
• सबसे पहली बात तो यह है कि यह स्पीच हर बार की स्वतंत्रता दिवस स्पीच से अलग होगी, क्योंकि आजादी का 78वां साल जितना गौरवशाली हमें महसूस करा रहा/रही है उतना ही गौरव हमारी स्पीच में झलकना चाहिए। 
 
• दूसरी बात यह है कि हमें अपने देश, अपनी आजादी, अपने वतन के क्रांतिकारियों और इस मिट्टी पर अभिमान है यह बात हमारी वाणी, व्यवहार, वचन और व्यक्तित्व से झलकनी चाहिए तथा वह गौरव दिखना और महसूस होना चाहिए जो हमें अपने स्वतंत्र होने पर हो रहा है। 
 
• अत: हमें पूरी उमंग, ऊर्जा और उत्साह से स्पीच के पहले खुद को तैयार करना चाहिए। 
 
• अब जाहिर है कि स्वतंत्रता दिवस पर हम जो अब तक बोलते या कहते आए हैं इस बार तैयारी और मेहनत कुछ अलग, कुछ खास होगी सो शुरू कर दीजिए संदर्भ जुटाना....
 
• पूरे 77 साल अपनी भाषण में समेटना संभव नहीं है अत: आपको यह याद रखना है कि हमें मुख्य बिंदू पर फोकस करना है, कि हमें क्या बोलना है और किन बातों से बचना है। 
 
• इस भाषण में आप देश के विकास, प्रगति और आने वाली संभावनाओं पर फोकस कर सकते हैं। 
 
• आप अपनी स्पीच को आजादी वाले वर्ष और वर्तमान वर्ष में तुलनात्मक रूप से अंतर करते हुए भाषाई चमत्कार पैदा कर सकते हैं। और अपनी स्पीच को कल, आज और कल की थीम में समेट सकते हैं।
 
• 77 वर्ष की गाथा के मुख्य पड़ाव आप जिन्हें मानते हैं उन्हें सूची बद्ध कर सकते हैं। और इतने साल की गौरव गाथा का वर्णन बहुत लंबा और बोझिल न हो इसलिए आपको 'कट टू कट' की नीति अपनानी चाहिए। 
 
• एक सामान्य सी बात आप यह भी समझ सकते हैं कि यह तो हर कोई बोलेगा तो नया क्या हो, ऐसे में अपना समय बहुत सारा एक ही बात को दोहराने में न लगाएं। सबको पता है पहले प्रधानमंत्री ने क्या कहा था और आज के प्रधानमंत्री क्या कह रहे हैं... 
 
• आपको व्यक्ति की स्तुति के बजाय उनकी तत्कालीन परिस्थितियों, नीतियों और फैसलों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। 
 
• इस अवसर पर शेरो-शायरी, कविताएं, कोटेशंस और सही आंकड़ों का खजाना तैयार करके हमें अपनी स्पीच को रोचक और प्रभावशाली बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। 
 
• आपको अपने दिमाग में यह स्पष्ट रखना होगा कि कितनी बातें कहनी है और किस ढंग व किस शैली में कहनी है, ताकि सुनने वाला भी बोरियत महसूस ना करें।
 
• स्पीच से पहले देशभक्ति से ओतप्रोत संवादों, नामों और पलों को खुद तैयार करके उन्हें इस तरह आत्मसात करना है कि वह खुद ब खुद आपकी वाणी से झरने लगे। आपको इन्हें रटना नहीं है। 
 
• इस दिन के लिए एक तैयारी अपने खास परिधान को लेकर भी करें। आपके परिधान भारतीय परंपरा के अनुसार, गरिमामयी हो तो पहला प्रभाव श्रोताओं पर उसी का पड़ता है। 
 
• कांच के सामने खड़े होकर या अपने किसी सही सलाह देने वाले मित्र के सामने जो आपको आलोचनात्मक दृष्टि से देखें, उसके सामने अपनी बॉडी लैंग्वेज को देखते हुए बोलने की प्रक्रिया दोहराएं, ताकि यथासंभव कमियों को दूर करें। 
 
• स्वतंत्रता दिवस के महोत्सव को मनाए जाने के कारणों की सूची आपके दिमाग में स्पष्ट होना चाहिए, इस समय देश में क्या-क्या चल रहा है, उस पर अवश्य ही ध्यान दें। 
 
• अभी देश भर में क्या अभियान चलाए जा रहे हैं, मीडिया क्या तैयारी कर रहा है, और क्या कुछ आयोजन होंगे, क्या योजनाएं लागू हो सकती है इस पर भी भरपूर तैयारी रखें। 
 
• वर्तमान में कौन किस पद पर है और तब कौन किस पद पर थे इसकी सही और पुख्ता जानकारी भी एकत्रित करना ना भूलें, वर्ना आप हंसी के पात्र बन सकते हैं। 
 
• मेरे प्यारे मित्रों/ मेरे देशवासियों के अलावा जय भारत, वंदे मातरम, भारत माता की जय के उद्घोष के साथ भी अपनी बात का आरंभ किया जा सकता है और अंत भी ऐसे ही नारों या कविताओं के साथ करना चाहिए।  
अब जानें स्पीच के बारे में :
 
साथियों, 
 
नमस्कार, सभी को मेरा अभिवादन
 
आज हम भारत की स्वतंत्रता का 78वां वर्ष मना रहे हैं। और अपना भाषण शुरू करने से पहले मैं इन पंक्तियों से बात आरंभ करूंगा/ करूंगी.... 
 
इसके बाद देशभक्ति की मनपसंद रचना जो पूरी तरह याद हो, उस बोलें। 
 
पहला यह कि भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी आज ही के दिन मिली थी। 
 
दूसरा यह कि आज देश को स्वतंत्र करने के लिए जिन राष्ट्र सपूतों ने अपना बलिदान दिया और बहुत कष्ट सहे उन्हें याद करने का दिन है। 
 
तीसरा यह कि आजादी के आज 78 वर्षों में भारत ने क्या-क्या उपलब्धियां हासिल की हैं। क्या सपने लेकर हम चले थे कितने पूरे हुए हैं कितने अब भी अधूरे हैं, आइए उन पर डालें एक नजर...हम कल बंधी हुई धरती पर खड़े थे आज खुला आकाश है और आने वाले कल की हवाएं हमारे साथ होंगी। 
 
कहते हैं कि जो देश अपना इतिहास भूल जाता है उसका भूगोल भी बदल जाता है और यह हुआ भी है। कई कुर्बानियां व्यर्थ चली गई तब जबकि देश का विभाजन हुआ।
 
भारत को आजाद कराने के लिए किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और क्या-क्या कुर्बानियां भारत को देनी पड़ी यह आज की युवा पीढ़ी को जानना बहुत जरूरी है। साथ ही यह भी कि आने वाले समय में किन चुनौतियों का सामान करना पड़ेगा। वक्त बदल रहा है लेकिन क्या वक्त के साथ हम भी बदल रहे हैं? 
 
भारत ने एक बुरी अर्थव्यवस्था का दौर भी देखा है, जब आजादी के बाद भारत को बंटवारा झेलना पड़ा, और भारत को चीन के साथ युद्ध लड़ना पड़ा। उस समय के बाद भारत की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से टूट चुकी थी लेकिन फिर भी लगातार प्रयास के बाद और देश प्रेम के दम पर भारत आज एक बड़ी अर्थव्यवस्था और हर क्षेत्र में विकास वाला देश बन गया है। 
 
आज भारत एक परमाणु शक्ति होने के साथ ही बड़ी सैन्य शक्ति भी है। यही नहीं चांद और मंगल पर मानव रहित मिशन भेजने वाले 5 देशों की सूची में भारत का भी नाम शामिल है और यह हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है। साथ ही भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जिसने बहुत कम खर्चों में मंगल मिशन के पहली बार में ही सफल बनाया। बात की जाए उत्पादन की तो इस मामले में भी भारत ने कई देशों को पीछे छोड़ दिया है।
 
'सबका साथ सबका विकास' के नारे के साथ भारत सरकार लगातार अपनी योजनाओं के माध्यम से लोगों तक सेवाएं पहुंचाती रहती है। इससे वर्तमान भारत की तस्वीर बदल गई है। आज दुनिया भारत को सम्मान और आशाभरी नजरों से देख रही है। इन सभी बातों पर ध्यान देना आवश्यक है क्योंकि जब आप इन सभी बातों पर ध्यान देंगे तो आपको गर्व महसूस होगा कि आप भारतवासी हैं और आप भारत जैसे देश में पैदा हुए हैं, और इस तरह हम अपनी स्वतंत्रता का उत्सव मना रहे हैं, जो कि हर भारतवासी के लिए बहुत जरूरी है।
 
(यहां फिर एक कविता/ शेर या वाकया सुनाया जा सकता है) 
 
यह दिन किसी विशेष जाति, धर्म अथवा राज्य नहीं बल्कि संपूर्ण भारत के लिए महत्वपूर्ण है। इस खास अवसर पर सभी सरकारी भवन और घरों पर तिरंगा फहराया जा रहा है और रैलियां भी निकाली जा रही हैं ताकि इसका महत्व लोगों तक पहुंचाया जा सके। और शिक्षा, राजनीति, धर्म, उद्योग, संस्कृति सभी को अब देश में बढ़ावा दिया गया है। 
 
फिर भी तमाम विपरीत हालातों के बावजूद हम यह कह सकते हैं कि यह देश कल भी सुनहरा था, इस देश का आज भी चमकीला है और आने वाला कल भी उजालों से रोशन होगा। हम सब अपने प्रयासों से इसे और अधिक खूबसूरत तथा प्रगतिशील बनाएंगे। हम ने सपने बहुत देखे हैं अब हमें उन सपनों को पूरा करना है। हमें अपने गांवों को उन्नत बनाने के प्रयासों में तेजी लानी होगी, हमें अपने युवाओं के हाथों में रोजगार देने होंगे, यदि यह संभव नहीं है तो स्वरोजगार की ललक पैदा करनी होगी। 
 
(यहां फिर एक कविता/ शेर या वाकया सुनाया जा सकता है) 
 
अंत में मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा/ कहूंगी कि 78 साल के भारत को यहां चंद मिनटों में समेटना संभव नहीं है अत: साथियों मैं अपने देश की माटी की कसम खाता/ खाती हूं कि जितना मैंने इस देश से लिया है उससे कई गुना वापिस लौटाऊंगा/ लौटाऊंगी। आप भी मेरे साथ यह संकल्प लें और आज के दिन को पूरे जोश व उत्साह के साथ मनाएं। 
 
जय हिन्द, जय भारत, वंदे मातरम... ।

(इस तरह का एक प्रारूप तैयार करके आप स्वतंत्रता दिवस की स्पीच की तैयारी कर सकते हैं तथा इसमें स्पीच देने वाले व्यक्ति को अपने इनपुट अपनी प्रतिभा, ज्ञान और अभिव्यक्ति कौशल के साथ शामिल करना उचित होगा।

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