देश बड़ा है धर्म नहीं, ये कहने मे शर्म नहीं..स्वतंत्रता दिवस 2023 पर बेहतरीन कविता
हर साल भारत में 15 अगस्त को आज़ादी का जश्न मनाया जाता है। करीब 200 साल ब्रिटिश हुकूमत से संघर्ष करने के बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी। आज भारत अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। हर भारतीय के लिए यह दिवस बेहद खास होता है। साथ ही कई स्कूल व कॉलेज में कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इस independence day 2023 में हम आपके लिए लेकर आए है ऐसी कविता जो आपको देश भक्ति के जोश से भर देगी।
क्या कोई ऐसा कर्म नहीं?
इतनी मिल गई स्वतंत्रता
घूम रहे स्वछंद,
खुले-खुले आकाश को
कर सकते हैं बंद।
कैसा प्रदर्शन? कैसी शांति?
स्वतंत्रता संग्राम की क्रांति?
एक देश मे रहकर भी तो
सबके मन मे शंका भ्रांति
फूलों मे खुशबू के बदले
है बारूदी गंध।
क्या दोहराएं देश की गाथा?
श्रद्धा से झुकता है माथा,
भाई ने भाई से अपने
नहीं रखा है कोई नाता।
भी जगह दिखता केवल
रोज कमाना रोज ही खाना
उनका बोलो कहां ठिकाना?
सर पर अपना जीवन लादे
सबका बनते वही निशाना।
तेज हवा भी हो जाती है
चलते-चलते मंद।
अरे किसीको क्यों उकसाना
शांत हवा को भी क्यों बहकाना,
इसके बदले सीखें सारे
फूलों की खुशबू महकाना।
हो जाती पहचान सभी की
गिने चुने ही चंद।
देश बडा है धर्म नहीं
ये कहने मे शर्म नहीं,
सही दिशा मे सब चल पाएं
क्या कोई ऐसा कर्म नहीं?
एक तान मे सब दोहराएं
गीत, गजल या छंद। -प्रदीप नवीन