रविवार, 7 दिसंबर 2025
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Written By WD Feature Desk

Armed Forces Flag Day 2025: सेना झंडा दिवस क्यों मनाया जाता है, जानें इतिहास, महत्व और उद्देश्य

Army Flag Day 2025
History of Army Flag Day: सेना झंडा दिवस, जिसे सशस्त्र सेना झंडा दिवस भी कहा जाता है, भारत में प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने और सेना के कल्याण के लिए या सेना कल्याण कोष योगदान देने के लिए समर्पित है।

आइए यहां जानते हैं इस दिन का इतिहास और महत्व 
 
इतिहास: स्वतंत्रता के बाद, भारत सरकार ने देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए सैनिकों के परिवारों और शारीरिक रूप से अक्षम सैनिकों के कल्याण के लिए धन जुटाना आवश्यक है, इस बात का ध्यान रखते हुए रक्षाकर्मियों के कल्याण के लिए एक समिति बनाई। और इस समिति का गठन 28 अगस्त 1949 को, भारत के तत्कालीन रक्षा मंत्री बलदेव सिंह की अध्यक्षता में किया गया था। 
 
आजादी के बाद बनी इस समिति ने प्रतिवर्ष 7 दिसंबर को झंडा दिवस मनाने का निर्णय लिया, जिसे मनाने का उद्देश्य था:
1. देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए सैनिकों को याद करना।
2. सशस्त्र बलों के कर्मियों के लिए धन संग्रह करना।
3. सेना के प्रति सम्मान व्यक्त करना।
4. इस दिन देशभर में तीन सेवाओं- थल सेना, वायु सेना और नौसेना का प्रतिनिधित्व करने वाले छोटे झंडे और प्रतीक वितरित किए जाते हैं, और बदले में नागरिकों से दान लिया जाता है। यह देश के लिए शहीद हुए सेना के कर्तव्यों के प्रति जनता की भागीदारी का अहम् हिस्सा है।
 
महत्व. सेना झंडा दिवस का महत्व कई मायनों में गहरा है:
 
1. सैनिकों के कल्याण के लिए धन संग्रह: यह दिन मुख्य रूप से सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष के लिए दान जुटाने पर केंद्रित होता है।
 
• इस कोष का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है:
 
- युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों और विधवाओं का पुनर्वास।
 
- युद्ध में विकलांग हुए सैनिकों की देखभाल और पुनर्वास केंद्र चलाना।
 
- भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की आर्थिक मदद करना।
 
2. देश के प्रति सम्मान: 
• यह दिन नागरिकों को भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति अपना सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का मौका देता है।
 
• यह हमारे सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान को याद दिलाता है और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को स्वीकार करता है।
 
3. राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा:
 
• झंडा दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारे सैनिक जाति, धर्म या क्षेत्र से ऊपर उठकर देश की सेवा करते हैं, जो राष्ट्रीय एकता और अखंडता का प्रतीक है।
 
• यह लोगों को एक साझा उद्देश्य के लिए एक साथ आने के लिए प्रेरित करता है: सैनिकों और उनके परिवारों का समर्थन करना।
 
• सेना झंडा दिवस का आयोजन जनता में देशभक्ति और भारतीय सेना के प्रति आदर की भावना को मजबूत करने के लिए किया जाता है।
 
• इस दिन स्कूलों और कॉलेजों में भी विशेष आयोजन किए जाते हैं, जिसमें विद्यार्थियों को भारतीय सेना के योगदान और उनके शौर्य के बारे में बताया जाता है। छात्रों को भी इस दिन से जुड़ी गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।
 
संक्षेप में कहा जाए तो 7 दिसंबर का सेना झंडा दिवस एक विनम्र अनुस्मारक है कि हमारी स्वतंत्रता और सुरक्षा हमारे सैनिकों के बलिदान का परिणाम है, और हमें उनके और उनके परिवारों के कल्याण में सक्रिय रूप से योगदान करना चाहिए। यह दिन भारतीय सेना के गौरव को बढ़ाने, उनके योगदान को मान्यता देने और उनके कल्याण के लिए जागरूकता फैलाने का अवसर होता है। 

'भारत की सीमा की रक्षा करने वाले जवानों को सलाम!'
 
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