नेत्र ज्योति बढ़ाने के आसान प्रयोग
सेहत डेस्क
प्रयोग-1बड़ी हरड़ 10 ग्राम, बहेड़ा 20 ग्राम, आँवला 30 ग्राम, मुलहठी 3 ग्राम, बँसलोचन 3 ग्राम, पीपर 3 ग्राम। इनका अलग-अलग बनाया चूर्ण लेकर उसमें लगभग 150 ग्राम मिश्री मिला लें। फिर इस मिश्रण में 10 ग्राम देशी घी भी मिला लें। तत्पश्चात इसमें आवश्यकतानुसार इतना शहद मिलाएँ कि चाटने लायक अवलेह (अर्थात् चटनी) बन जाए। इस अवलेह को किसी काँच के मर्तबान में सावधानीपूर्वक रख लें। इसमें से छह ग्राम की मात्रा में नित्य सोते समय चाटने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।विशेष- नेत्र ज्योति बढ़ने के अतिरिक्त इस औषधि के सेवन से ट्रेकोमा, फूला, अर्बुद आदि नेत्र रोग नष्ट हो जाते हैं। औषधि सेवन के बाद कुल्ले न करें और रात को पानी न पिएँ तो पायरिया और कब्ज भी मिटती है।प्रयोग-2250
ग्राम बादाम गिरि, 100 ग्राम खसखस, 50 ग्राम सफेद मिर्च (काली मिर्च की तरह परन्तु सफेद रंग की), अलग-अलग चूर्ण बनाकर देशी घी में भून लें। तत्पश्चात 100 ग्राम मिश्री अलग से पीस लें और इन सबको मिलाकर किसी शीशे के साफ और सूखे मर्तबान में भरकर रख लें। सुबह खाली पेट गर्म दूध के साथ दो चम्मच की मात्रा में लेने से दृष्टि बढ़ती है। छह मास लगातार लेने से चश्मा उतर सकता है।
प्रयोग-3असगन्ध 100 ग्राम, बड़ी पीपर 100 ग्राम, आँवला 100 ग्राम, बहेड़ा 100 ग्राम, हरड़ 100 ग्राम, इलायची छोटी 25 ग्राम। प्रत्येक का चूर्ण बनाकर अच्छी तरह मिलाकर रख लें। इसमें से एक चम्मच की मात्रा दूध के साथ नित्य खाली पेट सुबह-शाम लें। साथ ही त्रिफला जल से नित्य प्रातः आँखें धोएँ। इससे आँख का बढ़ता हुआ नंबर रुक जाता है। लंबे समय तक प्रयोग करने से चश्मे का नंबर अवश्य कम हो जाता है।नेत्रशूल होने पर त्रिफला यानी हरड़, बहेड़ा, आँवला तीनों बराबर मात्रा में लें। अलग-अलग चूर्ण बनाकर मिलाएँ। त्रिफला चूर्ण की बराबर मात्रा में मिश्री मिलाएँ और छह-छह ग्राम की पुड़िया बनाएँ। एक-एक पुड़िया छह दिन तक शहद तथा दो बूँद गाय का ताजा घी मिलाकर प्रातः खाली पेट चाट लें। दवा सेवनकाल के छह दिनों में अलूना (बिना नमक का खाना खाएँ। आँख का दर्द बिलकुल ठीक हो जाएगा। थोड़ा-थोड़ा कर के नमक शुरू करें। चेतावनी : उपरोक्त उपाय विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर दिए गए हैं लेकिन आँखे शरीर का सबसे नाजुक अंग होती है अत: कोई भी प्रयोग आजमाने से पूर्व अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।