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Last Modified: शुक्रवार, 4 नवंबर 2022 (18:13 IST)

शनि प्रदोष का व्रत कैसे रखें, जानिए विधि

shivling
Shani pradosh vrat 2022: 5 नवंबर 2022 शनिवार को शनि प्रदोष का व्रत रखा जाएगा। हर प्रदोष के व्रत का उद्देश्य और फल अलग अलग होता है। शनिवार के दिन वाले वाले प्रदोष को शनि प्रदोष कहते हैं। इस दिन लोग संतान प्राप्ति की मनोकामना से यह व्रत रखते हैं। आओ जानते हैं कि यह व्रत रखने की क्या है विधि और नियम।
 
शनि प्रदोष व्रत रखने की विधि | Shani pradosh vrat ki vidhi:
 
- जब से त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो रही है तब से व्रत करने का संकल्प लें।
- इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानदादि से निवृत्त होकर साफ स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा की तैयारी करें।
- शिवलिंग को दूध से स्नान कराएं और फिर पवित्र और साफ जल स्नान कराएं। 
- अप शिवलिंग के सपक्ष दीपक जलाएं और धूप भी जलाएं।
- अब शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, चंदन आदि पूजा सामग्री चढ़ाएं। फिर आरती करें।
- अब पुन: शिवजी के समक्ष व्रत का संकल्प दोहराएं। इस व्रत में भोजन ग्रहण नहीं किया जाता है। पूरे दिन उपवास रखें। 
- सूर्यास्त के बाद पुन: स्नान करें और सफेद वस्त्र धारण करें। 
- अब पुन: शिवलिंग की विधिवत पूजा और आरती करें।
- पहले स्वच्छ जल से पूजा स्थान को शुद्ध कर लें।
- फिर गाय का गोबर लें और उससे मंडप तैयार करें।
- फिर पांच अलग अलग रंगों से मंडप में रंगोली बनाएं।
- अब अच्‍छे से हाथ धोकर पूर्व दिशा में मुख करके कुश के आसन पर बैठकर पूजा करें।
- शिवजी के पंचाक्षरी मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जप करें और शिवजी की आरती उतारें।
- अब प्रदोष व्रत की कथा सुनें।
- अंत में प्रदोष व्रत का पारण करें।