6 फरवरी 2023 से फाल्गुन मास प्रारंभ हो चुका है जो 7 मार्च को समाप्त होगा। फाल्गुन मास को मौसम परिवर्तन का मास भी कहा गया है। इस माह में धीरे धीरे ठंड का प्रकोप कम होकर गर्मी बढ़ने लगती है। माह की समाप्ति से गर्मी प्रारंभ हो जाती है। इस माह में कौन से देवी और देवताओं को प्रसन्न करना चाहिए और क्या हो सकते हैं शुभ उपाय?
फाल्गुन मास में शिवजी, मां दूर्गा, विष्णुजी, माता लक्ष्मी, चंद्रदेव, श्रीकृष्ण, श्रीराधा और कामदेव जी की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं।
- फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि और होली का त्योहार मनाया जाता है। ऐसे में शिवजी और श्रीहरि विष्णु के नृसिंह अवतार की खास रूप से पूजा अर्चना होती है क्योंकि इसी माह में शिवजी प्रकट हुए थे और विष्णुजी ने भक्त प्रहलाद को बचाने और हरण्यकश्यप का वध करने के लिए ही अवतार लिया था।
- यह माह कामदेव और शिवजी कथा से जुड़ा माह भी है। कामदेव ने जब शिवजी की तपस्या भंग की थी तो शिवजी ने कामदेव को भस्म कर दिया था। बाद में जब उन्हें तपस्या भंग करने के कारण का पता चला तो उन्होंने रति को सांत्वना देते हुए कामदेव को प्रद्युम्न के लिए में जन्म लेने का वरदान दिया।
- चंद्रमा का जन्म फाल्गुन में मास में होने के कारण इस महीने चंद्रमा की उपासना करने का विशेष महत्व है।
- इस माह में श्रीकृष्ण और श्रीराधा की पूजा की होती है क्योंकि इसी माह में ही फाग उत्सव मनाया जाता है।
फाल्गुन माह के उपाय । falgun maas ke upay:-
1. तर्पण करें : अमावस्या खासकर पितरों की मुक्ति एवं शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्धकर्म करने के लिए होती है। इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और धन संबंधी रुकावट समाप्त होती है।
2. व्रत रखें : यदि आप जीवन में सुख, शांति, संपत्ति और सौभाग्य चाहते हैं तो इस अमावस्या पर विधिवत व्रत करखने के बाद पूजा करें और पारण के समय पारण करें। इस दिन व्रत रखकर गरीबों को दान-दक्षिणा दें, जिससे पितरों को शांति और मुक्ति मिले।
3. सूर्यदेव को अर्घ्य दें : इस दिन नदी, कुंड, जलाशय या स्वच्छ तालाब आदि में स्नान करें। इस दिन नदी या जलाशाय के पास खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
4. पीपल की पूजा करें : इस दिन संध्या के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक लगाएं, पीपल की 7 परिक्रमा करते वक्त अपने पितरों को स्मरण करें।
5. शनि पूजा : इस दिन शनिदेव की पूजा करें और उन्हें नीले फूल, काले तिल, काले साबुत उड़द, कड़वा तेल, काजल और काला कपड़ा अर्पित करें।
6. शिव पूजा : इस दिन शिव, रुद्र और अग्नि का पूजन करें। उन्हें उड़द, दही और पूरी आदि का नैवेद्य अर्पण करें। इस दिन शिव मंदिर में जाकर पांचामृत से जिसमें गाय का कच्चा दूध मिला हो उससे शिवजी का अभिषेक करें।
7. दीपदान : परिवार पर से संकट हटाकर समृद्धि लाने के लिए आज 5 लाल फूल और 5 तेल के दीपक जलाकर बहते पानी में सूर्यास्त के बाद प्रवाहित कर दें।
8. लाल रंग का धागा: एक लाल रंग का धागा लेकर गले में पहनें और उसे अगले महीने की अमावस्या तक पहने रखें। फिर उसे रात के समय किसी विराने में गड्ढा खोदकर दबा दें।
9. कागजी बादाम और काजल की डिबिया: 8 कागजी बादाम और 8 काजल की डिबिया लेकर, रात के समय उन्हें एक काले कपड़े में बांध कर अपनी पैसों की अलमारी या तिजोरी के नीचे रख दें। अगले दिन उस काले कपड़े को बादाम और काजल की डिबिया समेत पानी में बहा दें।
10. खीर: इस दिन सूर्यास्त के बाद खीर बनाएं और उसका चंद्रदेव को भोग लगाकर खुद भी खाएं।