तांका : होली होली बहार फूला है कचनार बाजे मृदंग होली की हुड़दंग गुलाल सतरंग। फागुनी प्यार सपने सतरंगी उड़े अबीर साजन का आंगन रंगों से सराबोर। टेसू के फूल सुगंध बिखराए भीनी-सी गंध फागुन की दस्तक पहुंची मन तक।