शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Poem on Shri Ram

हिन्दी कविता : जय श्रीराम

हिन्दी कविता : जय श्रीराम - Poem on Shri Ram
जय जय श्रीराम, जय जय प्रभु राम
मेरे मन में बसे हैं श्रीराम
मेरे रोम-रोम में बसे हैं श्री प्रभु राम
राम जी महान, उनकी करनी महान
जो गावे उनके गुणगान करे भवसागर पार
मेरे मन में बसे हैं श्रीराम
मेरे रोम-रोम में बसे हैं प्रभु राम
शबरी के जो जूठे बेर खाते कहलाते श्रीराम
अहिल्या को जो कष्टों से उबारे वे हैं प्रभु राम
जिनके जन्म से सरजू भई हैं निहाल
दशरथ के नंदन कहलाते श्रीराम
कौशल्या के सुत जानकी नाथ है श्रीराम
दीन दुःखियों और अनाथों के नाथ है प्रभु राम
कष्टों से निजात दिलाते हैं श्रीराम
हम सबके पालनहार है श्री प्रभु राम
तो आए हम सब करें जय जय श्रीराम
जय जय श्री राम जय जय प्रभु राम।