मुझे बहुत भाती हैं वे कन्याएं : हिंदी कविता
मुझे बहुत भाती हैं वे कन्याएं
जो बहुत जोर से हंस लेती हैं,
मुझे गुस्सा आता है उन पर
जो खुल कर हंस नहीं पाती हैं,
मुझे भोली लगती हैं वे कन्याएं जो जोर से रो लेती हैं
और मुझे लाड़ आता है उन पर जो खुल कर रो भी नहीं पाती हैं ....
रो लेने दो उन्हें की एक दिन खुल कर हंसना भी तो है....
©स्मृति