रविवार, 22 दिसंबर 2024
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देवी गीत : रहते भी नर्मदा किनारे प्यासे फिरते मारे मारे...

देवी गीत : रहते भी नर्मदा किनारे प्यासे फिरते मारे मारे... - poem on Narmada
रहते भी नर्मदा किनारे प्यासे फिरते मारे मारे
भटकते दूर से थके हारे , आये दर्शन को माता तुम्हारे 
 
भक्ति की भावना में नहाये , मन में आशा की ज्योति जगाये 
सपनों की एक दुनियां सजाये , आये मां ! हम हैं मंदिर के द्वारे 
 
चुन के विश्वास के फूल , लाके हल्दी , अक्षत औ चंदन बना के 
थाली पूजा की पावन सजाके , पूजने को चरण मां तुम्हारे 
 
सब तरफ जगमगा रही ज्योति , बड़ी अद्भुत है वैभव विभूति 
पाता सब कुछ कृपा जिस पे होती , चाहिये हमें भी माँ सहारे 
 
जग में जाहिर है करुणा तुम्हारी  , भीड़ भक्तों की द्वारे है भारी 
पूजा स्वीकार हो मां हमारी , हम भी आये हैं माँ बन भिखारी 
 
माँ  मुरादें हो अपनी  पूरी , हम आये हैं झोली पसारे 
हरी ही हरी होये  किस्मत , दिवाले जैसे जवारे