शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. poem on janta curfew
Written By

जनता कर्फ्यू पर कविता : वंदना उनकी करें जो खेल कर निज जान पर

जनता कर्फ्यू पर कविता : वंदना उनकी करें जो खेल कर निज जान पर - poem on janta curfew
इंदु पाराशर

वंदना उनकी करें जो, 
खेल कर निज जान पर।
 
कर रहे सेवा निरंतर,
आज मुश्किल हाल पर।
 
 
व्यथित हैं घर पर सभी,
कर्तव्य पथ पर यह डटे
रोगियों का कष्ट हरने,
से नहीं पीछे हटे।
 
मरीजों का कष्ट हरते, औषधि उपचार से।
और मनोबल भी बढ़ाते,प्रेरणा उत्साह से।
 
आज संकट की घड़ी में,फिर सभी सन्नद्ध हैं। 
करोना से जंग लड़ने, फिर सभी कटिबद्ध हैं।
 
करें हम आभार अर्पित, इन सभी योद्धाओं को।
दूर करते देह से जो, दुख और बाधाओं को।
 
घंटियां,ढप-ढोल,ताली,शंख, मंजीरे बजें।
गगन तक अनुनाद पहुंचे, ऊर्जा उनमें भरें।
 
और इस अनुनाद ध्वनि के, कंपनों की मार से। 
नष्ट हो यह वायरस,होवे विदा संसार से।
 
धरा पर भगवान हैं, दुख दर्द को हरते यही।
प्राण रोगी के बचाते,सच्चे चिकित्सक हैं वही।
ये भी पढ़ें
Health Care : जानें तुलसी के औषधीय गुण