मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Poem

हिन्दी कविता : आश्चर्य के बुरे दिन

हिन्दी कविता : आश्चर्य के बुरे दिन - Poem
रोशनी थी 
कि रोशनी के बुरे दिन थे 
रोशनी के दिन 
रोशनी के इतने बुरे दिन थे 
कि रोशनी देख पाना तक 

मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन था 
फिर, मैं उन आंखों में उतरा 
किसी आश्चर्य की तरह 
वहां इतना घना अंधेरा था 
कि आश्चर्य था 
आश्चर्य के बुरे दिन थे 
और आश्चर्य था 
ये भी पढ़ें
खांसी का इलाज करना है, तो चॉकलेट खाएं!