1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. काव्य-संसार
  4. Monsoon Poem
Written By

मानसून पर कविता : पहली बारिश

-फ़खरुद्दीन सैफ़
 
मानसून का मेरे शहर में आना,
जैसे मंजिल पर पहुंचा हो कोई सफीना।
 
आज की सुबह है मस्त ताजी-ताजी,
जैसे नहाकर निकली हो कोई हसीना।
 
घटाएं ऐसी छाई हैं आसमान पर,
जैसे किसी हसीं के केश का हो लहराना।
 
पहली बारिश की मिट्टी की खुशबू, 
जैसे तेरे प्यार से फिजां का हो महक जाना।
 
आसमान पर चमकती बिजली,
लगे हैं जैसे तेरा हो आंखें मिलाना।
 
पानी बरसने की प्यारी-प्यारी आवाज, 
जैसे तेरा हौले-हौले हो हंसना।
 
ये बादलों का जोर-जोर से गरजना, 
जैसे तेरे दीदार से मेरे दिल का हो धड़कना।
 
'सैफ़' इस बारिश से सबके चेहरे खिल उठे,
गरीबों-किसानों का नहीं है खुशी का कोई ठिकाना।