भारत-चीन पर कविता : उनकी बौखलाहट, हमारा संयम
डॉ. रामकृष्ण सिंगी
रक्त पिपासु सदा रही,चीन की खूनी दाढ़।
चली न सैन्य दादागिरी, तो भिजवा दी बाढ़।। 1 ।।
चीनी उकसाने के लाख यत्न, धौंस / भभकी, फिर बाढ़ प्रहार।
पर अपने धीरजपूर्ण मौन में, अडिग रही मोदी सरकार ।। 2 ।।
हठधर्मी चीन की हिमायत में, जिसको होने लगा था थोड़ा गुबार।
उसी चीन की हिचकी देख, पाकिस्तान का उतर गया बुखार ।। 3 ।।
दुनिया भर में बदनाम हैं, पाक, कोरिया, चीन ,
ख़तरा है सभी पड़ोसियों के लिये, शैतान राष्ट्र ये तीन ।। 4 ।।
भारत के पास भी सुरक्षित, है एक आर्थिक हथियार ।
हिल जायेगा चीन यदि हमने कर दिया, उसके माल का बहिष्कार ।। 5 ।।